मूलतः मधुबनी जिलान्तर्गत सिमरी (भोजपरौल) नामक गामक
रहनिहार मैथिलीक सुप्रसिद्ध गायक विकाश झा जिनक एखन धरि आठ-न' भाखामे दर्जनों एलबम, फिल्म, भारत स’ नेपाल धरि सांस्कृतिक कार्यक्रममे गायन, टी॰वी॰
चैनल पर कार्यक्रमक प्रस्तोता के रूपमे प्रसिद्ध आ मिथिलांचल केर बूढ़ स’ ल’ क’ नेन्ना धरि मने सभ वर्गक
लोक हिनक आवाज के प्रशंसक छथि। दिल्ली में विकास झा जीक संग भेल युवा गीतकार मनीष झा "बौआभाइ"क भेंटवार्ताक अंश :
घ’र में अहाँ स’ पूर्व संगीतक केहेन परिवेश रहल अछि आ अहाँके केहेन सहयोग भेटैत रहल अछि ?
जहाँ तक घरक परिवेश के गप्प अछि त’ हमर विश्वास करू, हमरा स’ पहिने संगीत में किनको कोनो खास अभिरुचि
नञि छलनि आ नें कियो सक्रिय छलाह, मुदा किछु ने किछु संगीत
सब में बसैत छैक जकर एक उदाहरण एना अछि- हमर बाबा के मुंहलगुआ छ्ल सोनमा, जकर घर हमरा घर स’ करीब डेढ़ किलोमीटर दूर रहै आ बीच
में चौरी रहै । बाबा के जहन कोनो बेगरता होइन त’ ओतहि स’ हल्ला करथिन सोनमा छिऐ रै ! रै सोनमा ! ओ सुनि जाइ आ दौड़ल आबि जाइ । हमरा
बुझने ओ टान (रेंज) बाबा स’ आबि गेल अछि । बाबूजी गाबथि त’ नञि मुदा फिल्म खूब देखै छ्लाह, त’ ई बूझू जे भाव (फीलिंग) ओत’ स’ आबि गेल अछि । माँ हमर विद्यापतिक गीत गबैत रहैत छलीह आ लोक व्यवहारक गीत
सब लिखै छलीह, हालांकि हुनक लिखल एक पराती “पूजब चरण हम तोर” एक एलबम “हे
अम्बे मैया” में गेने सेहो रही । मिलाजुला क’ सभक किछु ने किछु अंश हमरा में निहित अछि । जहाँ तक सहयोगक गप्प छै त’ माँ-बाबूजी, अर्द्धागिनी आ दुन्नू बालक (आदित्य आ अनूप)
हमरा भरपूर सहयोग करैत छथि।
अपन एकेडमिक शिक्षा दीक्षाक क्रम केना की रहल छै ?
देखियौ भाइ इमानदारी के गप्प ई छै जे हमरा पढ़ाइ लिखाइ में
कहियो मोने नञि लागय आ मैट्रिक-इंटर तक इएह लागय जे पढ़नाइ बाध्यता अछि, जहन कि पढ़’ लिख’ में तेज रही, असगरुआ रही
त’ घर में सभक ध्यान हमरा पर रहब सेहो स्वाभाविके छल,मुदा हमर ध्यान पढ़’ स’ बेसी
संगीत दिस लागल रहैत छल । ओना त’ हमर प्रारम्भिक शिक्षा
कलकत्ता में भेल अछि कारण पिताजी ओतहि नोकरी में छ्लाह आ बाद में हम सब गाम आबि
गेलौं त’ स्नातक धरिक शिक्षा फेर गामे दिस स’ सम्पन्न भेल ।
संगीतक क्षेत्र में एखन धरिक यात्रा के केहेन
अनुभव रहल अछि आ एकरा कैरियर बनेबा लेल की की संघर्ष सब कर’ परल, विस्तृत जानकारी देल जाउ ?
जेना कि हम कहलौं अछि जे हमर पिताजी फिल्मक बड्ड शौकीन, ओ हमरा छोटे स’ संगे फिल्म सब देखब’ ल’ जाइत छला आ कने कने स्मरण अछि किछु फिल्मक नाओं जेना- “ममता गाबय गीत”, “निकाह” आदि । हमरा बच्चे स’ एकटा आदति रहल अछि जे कोनो गायकक आवाज जे नकल कर’ के । “निकाह” फिल्म में महेन्द्र कपूर के गाओल एक गीत “अभी अलविदा मत कहो दोस्तों” स’ बड्ड प्रभावित भेल छलौं आ ओतहि स’ गीत गेबाक स’ख हेब’ लागल । किछु दिनक बाद जहन गाम एलौं त’ गामक नाटक सब में लड़की के रोल हमरे करबाक रहैत छल । एकटा नाटक “कच्चे धागे” में हमरा हीरो के प्रतीक्षा में एक गीत गाबक छल “बड़ी देर भयो नंदलाला” ई गीत गबितहि लोक सभक प्रशंसा,ईनाम आ थोपड़ी त’ हमरा मनोबल के अकास ठेका देलक । गेबाक स’ख आब त’ तत्तेक बेसी रहए जे गाम में कतौ प्रोग्राम होइ त’ हमर कान ठाढ़ ! ओना हमरा भूत-प्रेत के बड्ड ड’र होइ छल मुदा प्रोग्रामक नाम पर कलमे-गाछिये द’ क’ परा जइयै आ इच्छा रहै छल जे एकोटा गीत गाब’ के अवसर भेटि जाए । घर में अइ दुआरे कत्तेक बेर मारिओ खेने छी । हम १९९४ ई॰ में दिल्ली आबि गेलौं नोकरी चाकरी स’ समय भेटै त’ स्टेज सब पर गीत सेहो गबैत छलौं । किछु दिनक बाद विवाह भेल । पत्नी के संगीत में बेसी अभिरुचि देखलियनि ओ ह्मरा एहि क्षेत्र में प्रोफेशनल बनि उतरबाक आग्रह केलनि आ संगे-संग ह्मरा वास्ते गीत सब सेहो लिख’ लगली तें गीतकारक रूप में “रानी विकास” के नाम स’ सेहो देखने हेबनि । संजोग एहेन जे जहन हम ठानि लेलौं जे आब व्यावसायिक रूपे गायकी के अपनाबी त’ हमरा चांस सेहो खूब भेट’ लागल आ ई आभास भेल जे संगीत के विधिवत शिक्षा लेब आवश्यक अछि आ ओही क्रम में मैथिली के चर्चित गायक मिथिलारत्न पं॰ कुंजबिहारी मिश्र जीक संपर्क में १९९८ में एलौं आ ओएह कतौ कतौ प्रोग्राम सब में ल’ जाए लगला । कार्यक्रमक संग-संग हुनका स’ गेबाक अदा, मंच पर कोना प्रस्तुत होइ, मुरकी,खटका आदि केर बारीकी गुर सब सिखबाक अवसर भेटल तें हुनक स्थान हमरा वास्ते प्रथम गुरु के रूप में रहतनि । १९९९ में पहिल एलबम “परदेशी भ’ गेलौं” जे कि नीलम कैसेट स’ बहराएल रहए । बाद में बनारस घरानाक चंद्रभाल मिश्रा जी स’, मिथिलेश सिंह जी आदि गुरु सभ स’ सेहो सिखबाक अवसर भेटल अछि ।
एकटा गप्प अहाँ बीच में कहलौं जे असगरुआ रही तें
घर में सभक ध्यान हमरा पर रहब स्वाभाविके छल आ प्रोग्राम देखि क’ वा क’ क’ आबि त’ माइर सेहो खाए परय
। की एहि स’ ई नञि बुझा रहल अछि जे चाहे ओ समय छल वा आजुक
समय होइ अभिभावक कहियो संगीत में बच्चा के कैरियर बनेबा लेल जोखिम नञि लेब’ चाहै छ्ला वा अनुमति नञि देलनि ! अहाँके की कहब अछि ?
देखियौ भाइ सभक अभिभावक इएह चाहै छथि जे हुनक संतान सुखक
जीवन व्यतीत करय आ इहो बात निश्चित छै जे संगीत क्षेत्र में जोखिम छै, मुदा जोखिम ओकरा लेल छै
जे संगीत के संगीत नञि बूझि माने बिना कोनो शिक्षा दीक्षा के लागल छी। प्रयास करब
नीक गप्प कारण सफलतो ओकरे भेटै छै मुदा शिक्षा में गाब’ के
तौर-तरीका, लय, ताल, मात्रा आदि जे किछु तकनीकी ज्ञान छै ओइ वास्ते त’
कोनो गुरु स’ ज्ञान लेब आवश्यक छै । प्रारम्भ में संघर्ष
जरूर छै मुदा कैरियर निश्चित अछि ।
अहाँ अपन कोनो एहेन अनुभव कहू जे संगीत में
कैरियर बनेबा में अवरोधक भेल होएअ आ नवोदित कलाकार कें ओइ अवरोध स’ पूर्व चेतबाक
अवसर भेटि जाइन !
नीक अनुभव पूछल! एखन धरि मैथिली के अलावे हिन्दी, बंगाली, हरियाणवी आदि कम स’ कम आठ-न’
भाषा में गीत गेलौं अछि मुदा एकटा मैथिली गायकक रूप में हमरा सबस’ बेसी संघर्ष कर’ परल अछि आ कत्तेको ठाम अवरोध भेल
अछि, कारण अपन मैथिल कलाकार में गुणक त’ कोनो अभावे नञि छनि मुदा ताहू स’ पैघ अवगुण ई छनि
जे मनोबल बढ़ेबा स’ पहिने तत्तेक मेख-बृख देखेता जे अहाँ
कलाकार बनबाक सपना त’ बिसैरे जेबै । एक बात कहू जे जहन मनीष
जी गीतकार छथि त’ हमरा ई स्वीकार’ में
दिक्कत कियैक ? हमरा संग एहेन कत्तेको बेर भेल अछि जे पुरान
कलाकार सब संगे ल’ त’ गेला मुदा बिना
गीत गबेने घुरा देलनि कारण हम नव रही आ हुनका ई ड’र रहनि जे
हमर कार्यक्रम खराप नञि भ’ जाए । भाइ एकटा गप्प कहू जे सब
दिन अहीं गीत लिखैत रहबै ? सब दिन हमही गीत गबैत रहबै? से हेतै आ कि हमहू सब कहियो बूढ़ हेबै ! अहाँके माध्यमें हम हुनका लोकनि
धरि ई संदेश पहुंचाबाय छी जे नव लोक के अवसर दियौ आ दियबियौ ।
एखन हमरा लोकनिक नवतुरिया चाहे ओ राजनीति स’ होइथ, संगीत स’ होइथ वा शिक्षा क्षेत्र स’ होइथ अनेकानेक सोशल मीडिआ वा धरना प्रदर्शन आदि के माध्यमें मैथिली भाषा
आ मिथिला राजक माँग हेतु आंदोलित छथि । अपनें केहेन समर्थन करै छी ?
हम मिथिला राजक पूर्ण समर्थक छी तै में कोनो दूमत नञि ।
भाषाक प्रति वर्तमान में सबस’ बड़का समस्या ई छै जे हम अहाँ एखन मैथिली-मैथिली-मैथिली क’ रहल छी, मुदा हमसब (मैथिल) अपनहि घर में कनियाँ स’ ल’ क’ बच्चा तक सबस’ हिंदीये में बात करै छी । भाषा कोनो बेजाए नञि होइ छै मुदा सभक अपन अपन
स्थान छै ने यौ ! की हम अहाँ ज़िम्मेवार नञि छियै मैथिली केर गर्दनि काट’ लेल । हमरा एकटा प्रयास आ सपना सब दिन रहल जे मैथिली संगीत के कतौ ताहि
ढंग स’ प्रस्तुत करी जे अमैथिल समाज के लोक ई कहए जे मैथिली
एहेन सुंदर होइ छै नञि कि ई कहए जे मैथिली एहने होइ छै । ई सोच जहन विकसित होमय
लगतै त’ एत्तेक बाधा नञि रहतै मिथिला राजक संबंध में ।
एखन जेना कि चर्चा कएल जे मैथिली के अलावे हिन्दी
आ आन-आन भाषा में सेहो गेबाक अवसर भेटल अछि त’ ई कहू जे जहन मैथिली में एतेक
संघर्ष कर’ परल त’ हिन्दी में त’ आर बेसी कर’ परल हएत । स्मरण होए त' किछु फिल्म आ जिंगल आदि के सम्बन्धमे जनतब देल जाउ ।
इएह त’ बिडम्बना छै जे मैथिली स’ बेसी अवसर
हिन्दी में भेटि रहल अछि जकर एक टा उदाहरण एना अछि- कोनो कलाकार के नाम नञि लेबय
चाहब कतेक बेर एहनो भेलए जे कहला-विकाश जी काल्हि स्टूडिओ आबि जाउ मुदा रातिए में
दिमाग घूमि गेलनि जे नञि हिनका स’ नञि गबैब कहीं गीत हिट भ’ गेलै ! हिन्दी में कम स’ कम एहेन दुर्दिन नञि देख’ परैइयै जिनका संग बात होइत अछि ओ विश्वास करै छथि अवसर दै छथि। हमरा मोन
अछि हम एकटा मैथिली गीतक रेकोर्डिंग करैत रही त’ एक गोट
हरियाणवी फिल्मक निर्देशक दिनेश कौशिक जी कें हमर आवाज में उदित नारायण जीक झलक
बुझेलनि हमरा ऑफर केलनि आ फिल्म “दुश्मनी की आग” में वन्दना वाजपेयी जीक संग गेबाक अवसर देलनि तकरा बाद हरियाणवी फिल्म-बारह बीघा ज़मीन, गोली, पगड़ी आदिमे सेहो गेबाक अवसर भेटल । ओही क्रम में हिन्दी फिल्म आ विज्ञापन
जगत स’
जुड़ल किछु निर्माता लोकनि संपर्क में एला आ अवसर देलनि जेना कि हमर गाओल
जिंगल-सोनालिका ट्रेक्टर वास्ते , भारत सरकार द्वारा
अल्पसंख्यक आयोग वास्ते , केन्द्रीय भंडारण निगम वास्ते , शिक्षा मंत्रालय वास्ते, जल संसाधन मंत्रालय
वास्ते, स्वरोजगार योजना वास्ते,
इंडियन ऑयल वास्ते , दूरदर्शन पर प्रसारित सीरियल “कोंपल” के टाइटल सॉन्ग , ज़ी
टीवी पर प्रसारित होमय बला सीरियल “हम लेंगे जनम दोबारा”
के टाइटल सॉन्ग, हिन्दी फिल्म “लव इन टेंशन” में बतौर संगीत निर्देशक आ गायक (सह
गायिका-ममता शर्मा, कल्पना) आदि के रूप में । एलबम सभक नाओं मोन राखब मोसकिल अछि कारण बहुत रास अछि मुदा एक टटका आब' बला "नवका पाहुन" जाहि मे अहाँक लिखल गीत "ब्याहक बेदी परमे बैसल" हमरा बड्ड बेसी पसीन परल । मैथिली फिल्ममे एखन धरि - सौतिनक बेटी, हाफ-मर्डर, सेनुरक मोल अनमोल, प्रेम प्रतिज्ञा, राधा संग मोहन, सजन घर जेबै कोना आदि फिल्मक वास्ते अपन स्वर देलौं अछि ।
हमरा बुझने विकाश जी मिथिलाक घरे-घर अपन पहिचान
बना चुकल छथि, चाहे ओ गायकक रूप में होइथ , अभिनेता के रूप में
होइथ वा कि टीवी चैनल के कार्यक्रम प्रस्तोता के रूप में होइथ मुदा विकाश जीक गाओल
एक गीत “आइ मूड बनल छै गे ........” जे
कि हिट त’ जबर्दस्त भेल मुदा किछु बुद्धिजीबी वर्ग में
आलोचना के लेल सेहो जानल जाइत अछि । कोन एहेन मजबूरी छल आ आगां कोना चेतब ?
हम एकरा आलोचना नञि मानब कारण ज’ एकरा समाज में पूर्ण रूप
स’ तिरस्कृत क’ देल जइतै आ एक्कहु टा
कैसेट नञि बिकैतै त’ हम मानि जइतौं मुदा से नञि भेलै खूब लोक
कीनि-कीनि क’सुनला । खैर रहल बात गीत के के त’ ई हमर मजबूरी छल जे जाहि समय में हमरा मौका कम भेटय आ विकल्प नञि रहय ओहि
समय में ई कंपनी हमरा अवसर देने रहय आ हम गीत गेबाक वास्ते अनुबंधित छलौं । हुनका
बजार स्थापित करबा लेल भोजपुरी जेंका मैथिली में सेहो किछु मसल्ला के खगता छलनि
तें ई कंपनी के प्रयोग छल हम्मर नञि । ई गीत ज’ अहाँ सुनलौं
त’ अहाँ बाबा नागार्जुन रचित इहो गीत सुनने हैब “भगवान हमर मिथिला सुख शांति के घर हो” । हमर कहक
अभिप्राय ई अछि जे लोक ई बुझौ जे ज’ विकाश ओ गीत गाबि सकैइयै
त’ इहो गाबि सकैइयै । अहाँ आलोचक स’
चेता देलौं से नीक लागल आ संगे इहो कहब जे आब हम कोनो कंपनी स’ कोनो प्रकारक अनुबंध स’ मुक्त छी तें भविष्य में
हमर प्रयास रह्त जे ओहेन गीत नञि गाबी जाहि स’ किनको कोनो
कष्ट होइन ।
जहिना भोजपुरी आ हिन्दी फिल्म जगत में गायक लोकनि
के अभिनय हेतु
अवसर भेटैत रहलनि अछि तहिना आब मैथिली में सेहो ई परम्परा देखि रहल
छी । अहाँ लग एहेन कोनो प्रस्ताव अछि वा अभिनय केलौं अछि ?
अभिनय में हमर अभिरुचि प्रारम्भे स’ रहल अछि । कहबे केलौं
अछि जे हम गामक नाटक में नायिका के रोल खूब लेने छी । हम जहन नीलम कैसेट स’ जूड़ल रही त’ एलबम “जट-जटिन”
में अभिनय करबाक अवसर भेटल रहए । किछु दिन धरि अहिना बहुतो एलबम सभ
में अभिनय केलौं मुदा हमर ध्यान सदिखन गायकी दिस रहैत छल तें ओकरा प्राथमिकता देइत
रहलौं आ सक्रिय रहलौं । अपनें जाहि गीतक चर्चा उपर केलौं अछि ओहि वीडियो में हमर
चेहरा सेहो देखने हएब आ ई गीत तत्तेक हिट भेलै जे भोजपुरी क्षेत्रमे सेहो बेस
चर्चित रहल आ भोजपुरी फिल्म निर्देशक-रामाश्रय राज आ निर्माता-राजेश सिंह जीक
सद्प्रयास स’ एक गोट भोजपुरी फिल्म “पैसा
नाच नचाबेला” में मुख्य अभिनेता के किरदार वास्ते प्रस्ताव
आएल आ हम स्वीकृति देइत एहि फिल्ममे मुख्य नायिका-त्रिशा खान केर संग अभिनय केलौ । आब जहन मैथिली फिल्मक निर्माता लोकनि के जानकारी भेटलनि त’ ओहो लोकनि संपर्क केलनि अछि आ एखन बहुत रास फिल्मक प्रस्ताव अछि मुदा एखन
शुरूआत नञि भेल अछि मने निर्णयाधीन अछि ।
अपने मैथिली क्षेत्र में आब एक स्थापित अभिनेता आ
गायकक संग-संग प्रस्तोता के रूपमे सेहो जानल जाइत छी तें टी॰वी॰ चैनलक मादे ई कहल जाउ जे एखुनका
परिवेशमे मैथिलीक प्रचार प्रसारमे जे एकर बेसी आवश्यकता छलैक आ तेहेन सन
परिस्थितिमे सौभाग्य मिथिला बंद हेबाक की कारण भ’ सकैत अछि ?
आगाँ अही चैनल के पुनर्स्थापित करबा वा कोनो नव चैनल केर सुसंचालन हेतु कोन एहेन
बात के धेआनमे राखल जेबाक चाही ?
सौभाग्य मिथिलाक संग हमर काजक अनुभव बहुत नीक रहल अछि ।
जेनाकि अपनें लोकनि हमरा बेर-बेर देखने हएब आ एहि चैनलक बेसी स’ बेसी कार्यक्रम,धारावाहिक आदि के टाइटल सॉन्ग गेबाक अवसर सेहो भेटल मुदा एहि सभक बीच
अकस्मात एकर बंद हेबाक कारण बुझबामे नञि त’ आएल आ नञि बुझबाक
चेष्टा कएल । जाहि हिसाबे ई अपन गति पकरने जा रहल छल तै स’
एहेन अनुमानो नञि छल जे एकाएक बन्द भ’ जाएत । मिथिलाञ्चलमे
नञि त’ पाइके अभाव छै आ नञि प्रतिभाके । बहुत निर्माता एहेन
छथि जे मैथिल छथि,जिनका पाइ छनि आ मिथिला विकास हेतु अभिरुचि
सेहो छनि मुदा कला संगीत के अनुभव नञि के बराबर छनि । मैथिली कला संगीत केर
विकासमे एक बड्ड पैघ बाधा छै भाइ-भतीजावाद के मने ई हमर मित्र छथि तें संगीतकारमे
हिनके नाम हेबाक चाही भले ही हुनका संगीतके “अ”
शब्द नञि अबैत होइन, ई हम्मर काका छथि त’ ई हम्मर मामा छथि देखैमे बड्ड सुन्दर छथि तें हिनका हीरो बना दियौन
आदि-आदि । सर्वेक्षण के आधार पर नीक नीक प्रतिभा के मौका देथुन । हमर बहुतो एहेन
मित्र छथि जिनकामे कला भरपूर छनि मुदा हुनका निर्माता सभक सोझा बेसी ढ़ीप-ढ़ाप नञि
देल होइ छनि तें ओ लोकनि एखन धरि अवसर पाबय स’ वंचित छथि आ
हमरा बुझने ज’ ओहेन-ओहेन व्यक्ति के मौका देल जाय त’ मैथिलीक संग-संग हुनका लोकनिक सेहो कल्याण हेतनि आ मैथिली फिल्म उद्योग
के एक व्यावसायिक रूपमे स्थापित हेबामे कोनो दिक्कत नञि हएत ।
मैथिली संगीतमे किनक स्वर अपनेके सबस’ बेसी प्रभावित
करैत अछि ?
ओना वर्तमानमे हमर सबस’ प्रिय गायक छथि उदित नारायण झा जिनक पहचान
मैथिली स’ ल’ क’
विश्व मंच धरि छनि । रहल बात मैथिलीक त’ एखुनका जत्तेक गायक
छथि हमरा सभक आवाज नीक लगैत अछि कारण सबकें अपन अपन अनुभव आ प्रस्तुतिकरण के
अलग-अलग शैली छनि तथापि हम सबस’ बेसी हरिनाथ झाक स्वर स’ प्रभावित होइ छी आ हुनक एक-एक गीत हमरा बहुत कर्णप्रिय लगैइयै ।
अपनें जहिना श्रेष्ठ आ गुरु लोकनिक अनुसरण करैत
एहि क्षेत्रमे अग्रसर भ’ रहल छी तहिना नव कलाकार लोकनि के प्रोत्साहित करबा हेतु केहेन मार्गदर्शन
देमय चाहबनि ।
हुनका लोकनिक वास्ते हम इएह कहब जे अहाँ जे काज करै छी ओहिमे समर्पणताक संग धैर्य राखक चाही ताहि लेल या त’ शिक्षा लिय’ वा समय के प्रतीक्षा करू आ ई नञि सोचियौ जे गंदा गीत गाबि क’ रातोरात स्टार भ’ जाएब । मैथिली श्रोताकें कखनो हल्लुक नञि बुझियौन कारण मैथिल श्रोता बहुत ज्ञानी होइ छथि आ किछुओ गाबि क’ संतुष्ट क’ देबनि से असंभव अछि । अपना दिसक लोककें एकटा गप्प हमरा कहियो स्वीकार्य नञि भेल जे मैथिली कला संगीत में कैरियर नञि छै, ई मात्र अफवाह अछि सच्चाई नञि । हमर कमाइ केर सबस’ बेसी हिस्सा मैथिली भाषा स’ अछि, ज’ से नञि रहितइ त’ हमर गुजर नञि चलितए तें ई अफवाह पर नञि जाउ एहिमे कैरियर आ कमाइ दुन्नू छै, निर्भर करै छै जे अहाँ कत्तेक ईमानदारी आ लगनशीलता स’ एकरा प्रस्तुत करैत छियैक ।
अपनें संग भेल वार्तालापक क्रममे बहुत किछु नव
अनुभव भेटल आ आशा अछि जे नवतुरिया लोकनि लाभान्वित सेहो हेता आ मैथिली श्रोता कें
अपनेंक व्यक्तिगत जीवनक संबंधमे जनतब भेटतनि। अपन बहुमूल्य समय देबा वास्ते हृदय स’ आभार ।
मनीष जी अहूँ के बहुत-बहुत धन्यवाद । हमरा आशा अछि जे जहिना
मैथिली श्रोता कें हमरा प्रति सिनेह बनल छनि ओ बनेने रहथु आ हमरा स’ जे किछु अपेक्षा छनि ओकरा
पूर करबा लेल हम हरसंभव प्रयास करब । जय मिथिला ! जय मैथिली !!
Sriman Manish ji ke bahut bahut dhanyavaad....!!!
ReplyDeleteVikash ji ke bina kono laag lapet ke ek ek shabd bahut neek.... aa tamaam nav kalakar lokani ke lel hunak "Nek" aa "imaandaar" salaah atyant prernadayak hoyat....!!
Vikash Ji ke Hardik Shubhkaamna...!!!