मैथिली
सिनेमा आ संगीतक क्षेत्रके विस्तॄत केनिहार प्रसिद्ध निर्देशक,नायक, सगीतकार
मुरलीधर एकटा सशक्त व्यत्क्तित्वक नाम अछि ! जदि मुरलीधर जी के मैथिली फ़िल्मक
उद्धारक कहल जाए त अहि में कोनो अतिशयोक्ति नहिं। मैथिलीक चर्चित फिल्म “सस्ता जिनगी महग सेनुर”क निर्देशक मुरलीधर मूलरूप सँ मिथिलाक निवासी छथि। भारत
सरकारक छात्रवृति सँ 1978 में मुंबई पहुचि पद्म विभूषण पं. .जसराज सँ संगीत सीखे लगलाह आ इप्टा सँ जुरलैथ। बीआर
चोपडाक महाभारत मे
कृपाचार्य सहित अनेको हिंदी, नेपाली आ मैथिली फ़िल्मक अभिनेता मुरलीधर निर्देशक रूप मे तखन
चर्चित भेलाह जखन 1999 मे हिनक कथा-पटकथा, निर्देशन, संगीत आ
अभिनयक उत्कृष्टता देखबाक भेटल “ ससता जिनगी महग
सेनुर”में । हिनक दोसर मैथिली फिल्म “सजना के आँगन मे सोलह सिंगार”के सेहो नीक सफ़लता भेटल
अछि । संगीत सीखबाक संगहि मुरलीधर इप्टा सँ सेहो जुडि गेल छलाह। अभिनयक संग संग
निर्देशन आ संगीत सं हुनक जुड़ाव बनल रहल । परिणामस्वरुप, मुरलीधर मृतप्राय मैथिली
फ़िल्म निर्माण के पुनर्जीवित करय में महत्वपूर्ण भूमिका निभौला।
प्रारंभ
मे मुरलीधरक इच्छा पार्श्वगायक बनबाक रहय आर किछु फ़िल्मक लेल पार्श्वगायन केलाह
मुदा हिनका अपेक्षित सफलता नहीं भेटलनि आ पुनः संगीतकार बनबा लेल ज़ोगार मे लागि
गेलाह। पहिल बेर एकटा नेपाली फिल्म ‘देवकी’क संगीत निर्देशन करैत पुनः हिन्दीक ‘मेम साहेब’,
'यथार्थ’ आदि फ़िल्मक संगीत करबाक अवसर हिनका
भेटलनि…आ फेर इप्टाक प्रभावे अभिनय दिस सेहो
रुख कयलनि ।
पहिल
बेर हिन्दीक ‘नक्सलपंथी’ आ तकर बाद नेपालीक कृष्णा मे बतौर नायक काज कयलनि आ संगहि
हिंदी-नेपाली मे अभिनय सँ जुडल रहलाह । मुरलीधरक असली सफ़लता
मैथिली फ़िल्म "सस्ता जिनगी महग सेनुर"क सफ़ल निर्देशन ,गायन आ अभिनय सं प्राप्त
भेलनि। मिथिला में हरेक लोकक मुंह पर हिनकर नाम रटा गेल।ई बात सर्वविदित अछि कि प्रसिद्ध पार्श्व गायक उदित नारायण झा के मुम्बई लाबय बला व्यक्ति मुरलीधर जी छैथ।
मैथिलक
एकटा आर फ़िल्म “आउ पिया हमर नगरी”क प्रारंभिक निर्देशन केलनि मुदा किछु कारणवश
मुरलीधर जी ई फ़िल्म छोड़ि देलाह।हिनकर दोसर फिल्म ‘सजना के आँगन मे सोलह सिंगार’ रिलीज भ गेल अछि। अहि फ़िल्मक गीत संगीत
कर्णप्रिय अछि। फ़िल्म में मिथिला समाज मे व्याप्त कुरीति सभ फ़िल्मक केंद्र मे अछि मुख्य फोकस विधवा विवाह पर अछि।
मुरलीधर जी वर्तमान में एकटा नव फिल्म पर काज कए रहल छथि ।
बयोबृद्ध भाषाविद श्री बाल कृष्ण रुपावासी के कर कमल द्वारा सम्मानित होयत मुरलीधर |
पूर्बांचल केर बिराटनगरक
रतना होटल केर बैकट हाल मे आयोजित एकटा वृहद कार्यक्रम में मुरलीधर जीके सम्मान कयल गेल अछि । नेपालक मिथिलाक बयोबृद्ध भाषाविद श्री
बाल कृष्ण रुपावासी के कर कमल द्वारा मुरलीधर जीके सम्मान प्रदान कयल गेल छल। ई
सम्मान समारोह स्थानीय “न्यू दृष्टि” दैनिक पत्रिकाक
तत्वाधान मे भेल छल। अहि सं पहिने सेहो मैथिली
सिनेमामें आ शास्त्रीय संगीतक क्षेत्र में अमूल्य योगदान वास्ते हिनका सम्मान भेटल
छल।
There is no Doubt that Muralidhar revived Maithili Cinema. He hails from Matnaje village, nearby my home village. Also he is my Papa's friend.
ReplyDeleteBut only one correction in the article is, he didn't play role of Kripacharya, in BR Chopra's Mahabharat TV show, but Dharmesh Tiwari had played that role. Muralidhar was offered for that role, and he was supposed to play the same role, but due to his father's demise he had to visit his native village hence he missed that.
Rest this article is highly interesting, great and worth of re-reading.
Thanks
You can see him in the episode 4 of the Mahabharat. Due credit has also been given to him in the end of the episode, with pic and name
DeleteMurlidhar ji ka ghar kaha hai
ReplyDeleteMuralidhar ji ka chhota bhai Ghanshyam Vishwakarma aur main dono Hulas Steel Industries, Birgunj(Nepal) mein Job karta tha. Ham dono ka quarter joint tha. Unhone ne hi mujhe kaha tha ki unka ghar uttar bihar ke Ladaniya village ke paas hai jo chhetra Nepal mein aata hai.
DeleteJo kaam inhone kiye hai, mujhe nhi lagta ki kisi blockbuster k mohtaaz hai, humne to 21 saal pahle film dekhi thi inki sasta jingi mahag senur usi din se inka naam dil me chhap gaya hai. Hum sabko inpar proud hai.👏👏👏👏👏👏👏
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