देशमें लोकप्रिय म्यूजिकल रियेलिटी शो वॉयस ऑफ़ इंडिया आ इंडियन आइडल
में भाग लेनिहार, अपन माय-बाबू जीके आदर्श आ मो रफ़ी आ सोनू निगमके अपन प्रिय
गायक मान बला मिथिला सपूत अमिताभ नारायणजी सं भास्कर झाक साक्षात्कारक किछु अंश।
जी नमस्कार ! सबसं पहिने अहांके बधाई कि अहां वॉयस ऑफ़ इंडिया आ इंडियन आइडलमें
भाग लए कए मिथिला व बिहारक प्रतिनिधित्व केलहुं अछि आ अपन मधुर गायनसं चहेता
(फ़ैन)क संख्या में अप्रत्याशित बृद्धि भेल अछि। आब, संक्षिप रुप में अपन बारेमें
कने बताबी।
अमिताभ : जी धन्यवाद ! मूल रुप सं हम मुजफ़्फ़रपुरके सोंधो (छाता चौक, दामूचक)के रहय
बला छी। हम कुल तीन भाय बहिन छी। घरमें हम सबसं छोट छी; दुनू बहिन हमरा सं जेठ
अछि। मां-बाबू जी छथि जिनकर सहयोग आ आशिर्वाद सं हम शनै शनै आगू बढि रहल छी।
अहांक प्रारंभिक आर आगुक पढाई लिखाई कतय सम्पन्न भेल छल ?
अमिताभ : चूंकि हम साधारण परिवार सं
छी, हमर प्रारंभिक शिक्षा-दिक्षा मुजफ़्फ़रपुरेमें भेल अछि। पहिने हमर नाम प्रभात
तारा स्कूलमें भेल, तकरा बाद शान्तिनिकेतन
स्कूलक छात्र भेलहुं आर एहि ठाम सं मैट्रिक आर इन्टर पास। मुम्बई सं हम आर्ट्स में
ग्रेजुयेशन केलहुं ; विषय छल समाजशात्र ।
संगीत क्षेत्र दिस अहांक झुकाव केना आर कहिया भेल ?
अमिताभ : जी देखू ! ई बताबैत हमरा बड्ड हर्ख भ रहल अछि कि
हम नैन्हपनहिसं गाबैत आबि रहल छी। हमर स्कूलमें समय समय पर किछु ने किछु कार्यक्रम
होयत रहैत छल। चूंकि हम नीक गाबैत छलहुं त सब अहि कार्यक्रममें भाग लेबय लेल हमरा
प्रेरित करैत छल। बस, गबिते चलि गेलहुं। जखन हम 12 बर्खक रही, तहिये दूरदर्शन
पर बच्छा सबके लेल एकटा म्यूजिकल
कार्यक्रम आबैत रहै, नाम ईयाद नहिं अछि। पहिल बेर टीबीपर ओहि प्रोग्राममें भाग
लेने रही। बड्ड नीक लागल रहय हमरा। एक बेर मुजफ़्फ़रपुर स्थित पोलिटेक्निक कॉलेजमें
12-15 सालक बच्चा सबके लेल एकटा गायन प्रतियोगिता आयोजित भेल रहय, ओहिमें हमरा
प्रथम पुरस्कार भेटल छल जकर खुशी हमरा एखनो भ रहल अछि।
संगीते क्षेत्रमें कैरियर बनेनाई कने “रिश्की” मानल जायत छै, आ ओहो बिहारमें। तइयो
अहां अहि प्रतिस्पर्द्धात्मक दौड़में अपन भाग अजमाबक लेल कूदलहु से कोना ?
अमिताभ : बड्ड नीक प्रश्न भास्कर जी
। ई मानल बात छै आ हमहुं मानि रहल छि कि आजुक समयमें संगीतक क्षेत्रमें, विशेषरुपे
पार्श्वगायनमें, खूब ‘कम्पटिशन” छै। नित दिन हजार-लाखक संख्यामें देशके कोना कोना
सं लड़का- लड़की सब गायक बना लेल मुम्बई आबि रहल छै। आर एहन दमघोटू प्रतिसर्द्धात्मक
क्षेत्रमें कैरियर बनेनाई सत्ते जोखिमक काज अछि। मुदा हमर शौख अहि बातके पाछा
छोड़ैत आगू बढबामें सहयोग करैत चलि गेल। एतबा नहिं, आन गार्जियन सं फ़राक हमर
माय-बाबूजीक सतत सहयोग आर आशिर्वादक अहि दुष्कर बाटके सहज करैत चलि गेलहुं। आईयो
अपन स्थान बनाबय लेल हम संघर्ष कय रहल छी।
अहांक माय-बाबू जी अहि लाइनमें आबयसं मना नहिं कयलथि कहियो ?
अमिताभ : नहिं, कहियो नहिं। माय-बाबू जी त हमरा प्रारंभे सं
प्रोत्साहित आ प्रेरित करैत आबि रहल छथि। सबह्क गार्जियन अपन बेटाके डॉक्टर,
ईंजीनियर आदि बनाबय पर लागल रहैत छथि, मुदा
हम बड्ड भाग़्यशाली अपना आपके मानि रहल छी कि बाबूजी हमरा कहियो
नही कहलैथ कि संगीत छोड़ू आर आर आन क्षेत्रमें अपन कैरियर बनाऊ।
बड्ड बेस अमिताभ जी। आब ई बताबि कि अहां संगीतक विधिवत शिक्षा लेने छी कि नहिं
? संगीतक क्षेत्रमें एकटा गुरुक जरुरति होयत अछि। अहां अपन गुरुजीके बारे में सेहो
बताबी।
अमिताभ : अहां ठीक कहि रहल छी भास्कर
जी। संगीतक क्षेत्रमें एकटा गुरुक जरुरति अवश्ये होयत अछि। विना गुरु ज्ञान
नहिं। अहांके बता दी कि अपन पढाई लिखाईक संग संग हम संगीतक शिक्षा सेहो नैन्हपनसंहि
लय रहल छी। इलाहाबाद स्थित प्रयाग संगीत समिति सं हम संगीत विशारद केने छी। हम
2004में मुम्बई आयल रही । मुम्बईमें सम्प्रति हम पद्मश्री आ पद्मभूषण ओस्ताद गुलाम
मुस्तफ़ा खां साहेब से शास्त्रीय संगीतक शिक्षा लय रहल छी। हम अपना आपके बड्ड
भाग्यशाली मानैत छीकि हम हुनका सं शिक्षा ग्रहण कय रहल छी जिनका सं लताजी, सोनू
निगम, हरिहरन, ए आर रहमान जेहन व्यक्तित्व सब संगीतक गूढ रह्ष्य बुझने छथि। हम
हुनक सान्निध्यमें पछिला पांच साल आनि 2007 सं एखन धरि संगीत सीखि रहल छी।
बहुधा प्रत्येक गायक के फ़िल्ममें गाबय के लक्ष्य रहैत छैथ । कि अहांके
फ़िल्ममें गाबय के अबसर भेटल अछि वा नहिं ?
अमिताभ : जी बिल्कुल सही बात कहलहुं।
हमरो लक्ष्य फ़िल्ममें एकटा स्थापित पार्श्वगायक बनबाक अछि। एखन धरि हमरा उल्लेख़नीय
सफ़लता नहिं भेटल अछि मुदा हम हिम्मत नहिं हारलहुं, प्रयासरत छी, शेष ऊपर बलाके
हाथमें। मुदा हां, जनवरीमें प्रदर्शित एकटा हिन्दी फ़िल्म “चालिस चौड़ासी”में ललित
पंडितक संगीत निर्देशनमें एकटा गीत “हवा हवा” गेने छी जेकि लोकप्रिय भेल अछि। एहि
गीतके अतिरिक्त, यूटीवीक तमिल फ़िल्म “ कला कलप्पु@मसाला केफ़े”में
तमिल गीत सेहो गेने छी जकर खूब क्रेज खूब तमिलनाडुमें । डीडी वन पर
प्रसारित कार्यक्रम “क्रेजी किया रे”क टाइटल ट्रैक गेने छलहुं। आर बहुत रासे गीत
पाइपलाइनमें अछि जकर जानकारी हम बादमें देब अहांके। एखन खोलिकए बजना उचित नहिं।
उभरैत एश्वर्या निगम, “सरकार राज” फ़ेम संगीतकार बापी तुतुल आर “तुम बिन” एवं
“पिंजर” फ़ेम अभिनेत्री संदाली सिन्हा मुजफ़्फ़रपुरके छैथ। हिनका सबसं कोनो सम्पर्क
वा अपेक्षित सहयोग ?
अमिताभ : वाह नीक जानकारी देलहुं।
हमरा नहिं बुझल छल। हां…. ऎश्वर्या निगम हमर घनिष्ठतम मित्र छथि। हम सब मुम्बईमें एक्के बिल्डिंगमें रहैत छी। एहि ठाम हम एक दोसरके अवलम्ब छी।
बापी-तुतुल जी सं हमरा भेंट करबाक इच्छा छल,मुदा बिसरा गेल छल, अहां ठीक कयलहुं कि
हमरा मोन पारि देलहुं। किछुये दिनमें हुनका सं सम्पर्क करब। संदाली सिन्हा जीके
बारे मेम हमरा किछु जानकारी नहिं अहि।
अहांक जिनगीक अविस्मरणीय क्षण ?
अमिताभ : जहिया छोटे रही तहिये सं
हमरा लता मंगेश्कर जी आर सचिन तेन्दुलकर सं भेंट करबाक मोन करैत रहय। हमर ई दुनु इच्छा
भगवान पूरा करा दयलनि अछि। लता जीके घर सं
होयत जायत काल हम निश्चित रुपे हुनका मोने-मोन प्रणाम कय लै छियेन।
बहुत बहुत धन्यवाद अमिताभ जी जे अपन बहुमूल्य समय हमरा देलहुं। शुभकामना !
अमिताभ : अहुंके बहुत रासे धन्यवाद
जे अपन प्रतिभाके सभक समक्ष लाबयके लेल अतेक नीक काज कय रहल छी।
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