Monday, October 20, 2014

Alok Singh :Emerging Maithil Actor in Bollywood


खगड़िया जिलाक बेलदौर थानान्तर्गत बलैठा गामक निवासी श्री आलोक सिंह जेकि अपन अभिनय जीवनकें शुरुआत ग्रामीण स्तरकें नाटक स’ केलनि आ वर्तमानमे मुंबई फिल्म उद्योग जगतमे कएक टा टीवी सीरियल आ बड़का पर्दाकें फिल्म धरि अपन अभिनय क्षमता स’ प्रतिष्ठित बैनर केर प्रोडक्शन सभमे नीक काज क’ रहलाह अछि । कोनो हिन्दी सीरियल निर्माणक क्रममे दिल्ली आएल रहथि हुनका संग संपर्क भेल बातचीत भेल आ मैथिलीमे हुनक बाजब आ भाषा प्रति अनुराग देखि रहल नञि गेल हुनक अभिनय यात्रा केर संदर्भमे किछु गूढ़-गूढ़ गपसप स’ अवगत भेलौं । दिल्लीमे हुनका संग भेल युवा गीतकार मनीष झा "बौआभाई"क भेंटवार्ताक किछु अंश :

नमस्कार आलोक जी ! भेंट-घाँटक क्रममे अपनेंक स्वागत अछि ।
नमस्कार मनीष जी ! बहुत बहुत धन्यवाद ।

आलोक जी, हमरा लोकनि अपनेंक शैक्षिक आ अभिनय पृष्ठभूमि स’ अवगत होमय चाहै छी ।
हमर पढ़ाई-लिखाई खगड़ियाक पी.डब्ल्यू. हाई स्कूल स’ मैट्रिक आ तकरा बाद कोशी कॉलेज स’ बी.ए. (इतिहास प्रतिष्ठा) तक भेल अछि । पढ़ाई करिते रही तही समयमे गामक नाटक सभमे भाग लैत छलौं । ब्लॉक स्तर पर हमरा गामक दुर्गापूजा बड्ड प्रसिद्ध रहै जाहिमे दू राति नाटक होइत छलैक । शुरुआतमे त’ हमरा सहयोगी कलाकारक भूमिका भेटै मुदा ओ मुख्य नायक स’ बेसी प्रभावी भ’ जाइ तखन पूरा गौंआ निर्णय ल’ हमरा मुख्य नायकक भूमिका लेल प्रस्ताव रखलनि आ तकर निर्वाह हम संभवतः केलियनि । ओही क्रममे कएल गेल किछु ऐतिहासिक  नाटक स्मरण अछि जेनाकि- सिकन्दर पोरस, जालियाँवाला बागमे जनरल डायर, रावणवधमे रामचन्द्र, जयद्रथवधमे अभिमन्यु, पृथ्वीराज चौहान, अमरसिंह राठौर, नादिरशाह आदि । ई क्रम बरख १९९८ धरि चलल आ गामक नाटकमे जखन खूब प्रशंसा होमय लागल त’ मनोबल बढ़’ लागल आ एकटा प्रोफेशनल कलाकार बनबाक इच्छा तीव्र होमय लागल आ बरख १९९९मे पटना दूरदर्शन स’ जुड़बाक अवसर भेटल ।


पटना दूरदर्शनक कोन-कोन कार्यक्रममे आ केहेन-केहेन पात्रक भूमिका सभ भेटैत छल ?
शुरुआतमे त’ छोट-छोट रोल सभ भेटैत छल जेनाकि ३१ दिसम्बर, नव वर्ष, होली, वैसाखी, दिवाली आदिकें अवसर पर आयोजित स्पेशल एपिसोडमे कार्यक्रमक प्रस्तोता वा कोनो सीनमे कॉमेडी करबाक अवसर भेट जाइत छल । बरख २००१मे एकटा सीरियल “कब तक सहेंगे हम” जाहिमे किछु नामी कलाकारक संग अभिनय के मौका भेटल ओहिमे मुख्य नायक इंस्पेक्टर आदेश सिन्हा के रोल भेटल छल आ सहयोगी कलाकारमे जेठ भाइकें भूमिकामे छलाह ऋषभ शुक्ला (महाभारतक शान्तनु), भाभी के भूमिकामे कंचन जी (सहायक अभिनेत्री,सनम बेवफ़ा), गीत लिखने रहथि प्रसिद्ध गीतकार विनय बिहारी (वर्तमानमे सम्प्रति-कला आ संस्कृति मंत्री,बिहार सरकार) , पार्श्व स्वर देने रहथि महेन्द्र कपूर ।

प्रायः अपना सभ दिसक लोकके संग एकटा आर समस्या रहल अछि (ओना वर्तमानमे एहि मानसिकतामे किछु परिवर्तन जरूर भेलैइयै) जे अभिभावक एहि कर्ममे उतरबाक वास्ते स्वीकृति नञि देइत छलाह, अपनेंक केहेन अनुभव रहल अछि ?
एहि मामिलामे हम बहुत खुशनसीब छी जे हमर माता-पिता, भाई-बहिन, गौंआ-समाज, कर-कुटुम सभ कियो बहुत प्रोत्साहित करैत रहलाह अछि । हमर पिताजी स्वयं रंगमंचक बहुत नीक अभिनेता रहल छथि तैं ओ एहि वास्तविकता स’ नीक जेंकाँ परिचित छलाह आ ततेबा नहि हम प्रारम्भमे कएकटा सीरियलमे निर्माता सेहो रहल छी जाहिमे आर्थिक सहयोग घरे स’ भेटल रहय । ओना हमरा घरमे फिल्मी कलियाँ, फिल्मी दुनियाँ, माया, इंडिया टूडे आदि पत्रिका नियमित रूप स’ लेल जाइत रहैक आ हम सभ छोटे स’ कलाकार सभक जीवनी पढ़ियै जे कियो कंडक्टर रहै, कियो मजदूर रहै, कियो ड्राइवर रहै, कियो स्पोर्ट्स ब्वॉय रहै आ संघर्ष करैत-करैत आइ बॉलीवुड के प्रतिष्ठित कलाकारमे गानल जाइत छथि तैं हमरा घरमे सभ गोटे एहि सच्चाई स’ अवगत रहथि । अढ़ाइ बरख धरि काजक वास्ते बौआइत बौआइत हम स्वयं विचलित भ’ गेलौं मुदा घरक लोक तहियो मनोबल बढ़बैत रहल तैं एहि स’ नीक अनुभव आर की भ’ सकइयै हमरा वास्ते ।

पटना स’ मुंबई धरिक यात्राक सम्बन्धमे किछु कहल जाउ आ ओत’ स्थापित हेबामे किनक सहयोगकें स्मरण राख’ चाहब ?
सीरियल “कब तक सहेंगे हम” हमरा वास्ते संजीवनी बूटीकें काज केलक कारण अही बहन्ने नीक नीक कलाकार लोकनि स’ सम्पर्क बढैत चल गेल आ फेर दोसर सीरियल “पायलट” केर पार्श्व गायन लेल हमरा लोकनि महेन्द्र कपूर जी लग गेलौं जकर रेकॉर्डिंग जुहू चपाटी स्थित नेपोलियन स्टूडियोमे भेल छल आ लगातार मुंबईकें आवागमनकें क्रममे बरख २००३मे महेन्द्र कपूरजीक बालक रोहन कपूर जी स’ परिचय भेल । रोहन कपूर जी बहुतो सूत्र सभ देलनि मुदा अपन किस्मत कहियौ वा संघर्षक दिन कहियौ कोनो तेहेन काज सभ नञि भेटैत छल बादमे ओहो बेसी काल विदेशेमे रहैत छलाह आ तै ल’ क’ सम्पर्को कम होमय लागल । किछु आर लोक सभ जिनका संग भेंट-घाँट रहय पुनः मिल’ गेलियनि त’ पता चलल जे ओहिमे स’ किनको ऑफिस शिफ्ट भ’ गेलनि त’ केयो कमरा बदैल लेलनि आ ओहि समयमे मोबाइलक सेहो एते चला-चलती नञि रहै , केयो-केयो पेजर नं. देने रहथि मुदा तै स’ तालमेल नञि बैस पाबय । ओही दरम्यान धीरे-धीरे पूरा फिल्म इन्डस्ट्री के चक्कर लगेलौं आ तकरीबन अढ़ाइ बरख धरि कैमरा फेस करैके मौका तक नञि भेटल मुदा हमहूँ ठनने रही जे खाली हाथ आब घर नञि जाएब । ओहि ठाम टिकबा वास्ते पाइ सेहो आवश्यक छल तैं रतुका शिफ्टमे नौकरी करी मुदा रतुका जगरना के बाद दिनमे हिम्मत काज नञि करै आ दिल बेर बेर एतबे कचोटय जे कलाकार बन’ आयल रही आ ई कोन नोकरी कर’ लगलौं । गाम-घरक वा जान- पहचानक किछु लोक सभ रहबो करथि मुदा हुनका लोकनिकें कला क्षेत्रमे नञि त’ कोनो सम्पर्क रहनि आ नें कोनो अभिरुचि ।


एहेन समयमे विचलित नञि भ’ क’ संघर्षकें जारी रखबाक पाँछा कोन एहेन अपेक्षा छल ?
उम्मीद कहियौ वा संजोग कहियौ बरख २००६मे एक गोट भोजपुरी फिल्म “देवरजी”मे अभिनेता कृष्णा अभिषेक आ संगीता तिवारी जीकें संग काज करबाक अवसर भेटल आ ओही दरम्यान एहि फिल्मक चीफ असिस्टेंट डायरेक्टर अब्बास स’ मुलाकात भेल जेकि नदीम रिज्वीक  फिल्म अभिनेता राजपाल यादव के संग “अंडरट्रायल” बनबैत रहथि ओहिमे एकटा सहयोगी कलाकारकें रोल देलनि जाहिमे हमर आठ-नौ टा सीन रहय । किस्मत एहेन जे जखन काज भेटब शुरू भेल त’ पता चलल जे हमर छोट भाईकें ब्रेन ट्यूमर भ’ गेलनि तुरंत बोरिया-बिस्तर समेटि घर चल गेलौं आ हुनक इलाज वास्ते दिल्ली, मुंबई, हरिद्वार, वैद्य, नीम-हकीम लोक जत्त’ कहय से संभवतः सभ ठाम ल’ गेलियनि आ करीब एक बरखक इलाजकें बाद जखन ओ सुधारावस्थामे एला त’ पुनः २००८के अंतमे मुंबई आबि शून्य स्तर स’ काज ताकब शुरू केलौं । एकटा प्रोडक्शन हाउसमे नोकरी पकड़लौं आ जखन धीरे-धीरे कास्ट डायरेक्शनकें अनुभव होमय लागल तखन आब अपन स्वतंत्र काज सेहो कर’ लगलौं जाहि क्रममे ढेरी विज्ञापन सभ भेट’ लागल । २००९मे एकटा बहुत पैघ प्रोडक्शन हाउस “सिनेविस्टा”कें कास्टिंग डायरेक्टर स’ परिचय भेल हुनका सभ बात कहलियनि ओ हमरा बी.ए.जी. फिल्म्स के ऑफिस (वर्तमानमे एकता कपूर के बालाजी टेलीफिल्म्स) ऑडिशन लेल पठेला संजोगवश हमर चयन भेल शाहवाज खान अभिनीत सीरियल “मितवा” आ ओ शूटिंगक चारि दिनक बाद स्टार प्लस पर प्रसारित भेल । ज’ देखल जाए त’ ई सीरियल हमरा लेल बड्ड लक्की छल कारण जे तकरा बाद लगातार काज भेट’ लागल आ ओत्तहि स’ हमर उम्मीद जागब शुरू भेल ।

जखन फेर श्रीगणेश भेल त’ कोन-कोन चैनल वा प्रोडक्शन कम्पनी सभ लेल काज करबाक अवसर भेटल ? ज’ स्मरण होए त’ किछु सीरियल आ फिल्मक नाओं सेहो जनाओल जाउ ।
सिनेविस्टा कम्पनीकें कास्टिंग डायरेक्टर जेकि हमरा ऑडिशन लेल पठौने छलाह “मितवा”मे अभिनय देखि ओ सेहो अपन सीरियल “अजनबी” लेल ऑफर केलनि जेकि स्टार वन (आब लाइफ ओके) पर प्रसारित भेल छल । बरख २०१०कें सितम्बर महिनामे स्टार प्लस के एकटा बहुत बढियाँ सीरियल “काली”मे आशुतोष राणाजीक संग बहुत रास एपिसोडमे अभिनय करबाक अवसर भेटल तकरा बाद त’ सोनी, स्टार प्लस, दूरदर्शन, लाइफ ओके, कलर्स, जी टीवी, सब टीवी, एम टीवी, एनडीटीवी इमेजिन, न्यूज चैनल आदिकें माध्यम स’ सीरियलकें लाइन लागि गेल जाहिमे “लागी तुझसे लगन”, “बड़े अच्छे लगते हैं”, “गीता”, “भाग्य विधाता”, “अफसर बिटिया” “धर्मपत्नी”, “पापड़पोल”, “आर.के. लक्ष्मण की दुनियाँ”, “सी. आई. डी.”, “सावधान इंडिया”, “क्राइम पेट्रोल”, “हिटलर दीदी”, “ये रिश्ता क्या कहलाता है”, “साथिया साथ निभाना”, “ये हैं मोहब्बतें”, “पुनर्विवाह”, “हंटेड नाईट”, “महाराणा प्रताप”, “झाँसी की रानी”, “फीयर फाइल”, “पवित्र बंधन”, “मर्यादा”, “प्रतिज्ञा”, “अर्जुन”, “सरवीन दुग्गल”, “दी बॉडी प्रोजेक्ट”, “लव दोस्ती डांस”, “प्रधानमंत्री”, “वन्दे मातरम्”, “एक बूँद इश्क”, “शपथ”, “कैसा ये रिस्क है, अजब सा इश्क है”, “पुलिस फाइल”, “शैतान”, “जुगनी चली जलंधर” आदि तकरीबन ५०टा स’ बेसी सीरियलमे काज करबाक अवसर भेटल आ वर्तमानमे बहुतमे क’ए’ रहल छी । बड़का पर्दाकें फिल्ममे हिन्दी “अंडरट्रायल”मे राजपाल यादवकें संग, “सिंघम रिटर्न्स”मे अमोल गुप्तेकें संग , भोजपुरी “देवरजी”मे कृष्णा अभिषेककें संग, “सैंया के साथ मड़इया में” पवन सिंहकें संग, “ससुरारी जिन्दाबाद” रविकिशनकें संग, “भोजपुरिया डॉन” मनोज तिवारीकें संग, “एलाने जंग” “नेहिया लगवली सैंया से” आदि करीब एक दर्जन स’ बेसी । मैथिलीमे नवीन मिश्राजीक फिल्म “दीवाना अहाँक प्यार में” खलनायक मंटू झाक संग अभिनय करबाक अवसर सेहो भेटल अछि । विज्ञापनमे अशोक त्रेहानकें संग “टी वी एस मोटरसाइकिल”, महक जैनकें संग “फेयर एंड लवली”, “एक्सिस बैंक”, “साईकिल छाप अगरबत्ती” सन-सन करीब दर्जन भरि स’ बेसी ब्रांडकें विज्ञापन ।


एत्तेक रास फिल्म, सीरियल आ विज्ञापन स’ जाहिर होइत अछि जे अपनें अभिनयमे खूब नीक मँजा गेल छी । एखन धरि सहयोगी कलाकारक रूपमे विभिन्न सीरियलमे देखलौं अछि मुदा नियमित रूप स’ नञि । दर्शक स’ नियमित रूपे जुड़बा लेल कोनो तेहेन सीरियल केलौं अछि त’ कहल जाउ ।
कोनो भी क्षेत्रमे संघर्ष जीवन भरि संग रहै छै खासक’ कला सनक कैरियर बला क्षेत्रमे किछु बेसिए । हँ’ एतबा त’ जरूर अछि जे जीविकोपार्जनमे कोनो दिक्कत नञि होइत अछि आ संपर्क व्यावसायिक लोक सभ स’ बेसी अछि तैं काज सेहो लगातार भेट रहल अछि, मुदा एखन धरि कोनो तेहेन सीरियल नञि आएल अछि जाहिमे नियमित रूप स’ उपस्थित होइत रही मने दू-चारि वा दस टा एपिसोडमे काज भेटल फेर दोसर सीरियल के तलाश जारी । हमरा आइ धरि अहू बात लेल मोन मलीन नञि भेल जे लीड रोल नञि भेटिक’ सहयोगी कलाकारक रोल भेटैत कारण हमरा जे रोल भेटैत अछि ओकरे समर्पित भाव स’ निर्वहन करै छी आ संतुष्ट रहै छी आ लीड रोल तक पहुँचबा लेल प्रयास जारी अछि । ओना “एपिक” नामक चैनल पर शीघ्र प्रसारित होमय बला सीरियल “टाइम मशीन”मे पुलिस इंस्पेक्टरकें रूपमे श्रृंखलाबद्ध काज करबाक अवसर भेटल अछि । किछु आर नीक-नीक चैनल दिस स’ सेहो ऑफर अछि जकर शूटिंग एखन शुरू नञि भेल अछि जकर जानकारी सेहो अबिलम्ब देब । आशा अछि जे अही बहन्ने दर्शक लोकनिक सोझा नियमित रूप स’ अबैत रहब आ हुनका लोकनिक नेह, सिनेह आ दुलार पबैत रहब ।

अपनेंके त’ आब टेलीविजन स’ ल’ क’ बड़का पर्दा धरिक कैमरा फेस करबाक बेस अनुभव अछि । एहि दुन्नू ठाम अपना आपकें प्रस्तुत करबामे कोन बात सभक ध्यान राख’ परैइयै ?
निश्चितरूपे ई दुन्नू जगह अपना आपमे एकटा महत्त्वपूर्ण स्थान रखैत अछि मुदा दुनुमे अंतर ई छैक जे कैमराकें सोजहा अहाँ कोन रूपे प्रस्तुत होइत छी । बड़का पर्दाकें फिल्मक शूटिंग वास्ते जे कैमराकें फ्रेम होइ छै तैमे अभिनय करबा लेल शारीरिक स्वतंत्रता रहै छै जे हाथ पैर कने बेसियो फरकि गेल त’ ओकर गुंजाइश भ’ जाइ छै आ ततेबा नञि कोनो गलती भ’ गेला पर बेर-बेर री-टेक वास्ते मौका सेहो भेटै छै आ समय पर्याप्त रहै छै, एकर ठीक विपरीत सीरियलकें शूटिंग वास्ते कैमराकें फ्रेम सीमित दायरा तक निर्धारित रहैत छैक तैं ओतबेमे अपना आपकें सेट क’ क’ लाइन बाइ लाइन डायलॉग आ एक्स्प्रेशन दुन्नूकें धियानमे राखि अभिनय कर’ परै छै जत’ बहुत बेर री-टेककें अवसर नञि भेटै छै कारण आधा घंटाकें सीरियलक टेलीकास्टमे साढ़े सात मिनटकें विज्ञापन आ साढ़े बाइस मिनटकें कहानी मात्र देखाओल जाइत छैक । प्रायः शूटिंग टटके रहै छै मने रनिंग बला सीरियलकें बेसी स’ बेसी एक सप्ताह पहिलुक शूटिंग आ कत्तेककें मात्र दूइए-तीन दिन पहिलेक शूटिंग रहै छै त’ स्वाभाविक छै जे अपना आपकें नीक जेंकाँ प्रस्तुत करबा लेल कम समयमे सभ बातक धियान राखब आवश्यक होइत छैक ।

अपनें १९९८-९९ स’ व्यावसायिक रूपें अभिनय क्षेत्रमे आबि चुकल छी । राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न चैनलकें माध्यम स’ प्रसारित धारावाहिकमे नियमित रूप स’ अवसर सेहो भेट रहल अछि मुदा मैथिली वा भोजपुरी फिल्ममे सक्रिय रूप स’ नञि भेटबाक की कारण ?
ई बात त’ निश्चित छै जे केयो एहेन कलाकार नञि हेताह जे अपन मातृभाषा वा क्षेत्रीय फिल्ममे काज करबाक इच्छुक नञि होइथ कारण जे अपन माटिक ऋण केयो नञि बिसरैत अछि । हमरा जे एखन तक अनुभव भेल अछि क्षेत्रीय फिल्म निर्माणमे पहिल समस्या छै भाई-भतीजावादकें आ दोसर बजटकें । भोजपुरी फिल्मकें एक स’ एक दिग्गज निर्माता सभ काज क’ रहल छथिन हुनका सभ लग मुख्य अभिनेताकें देबा लेल, आइटम सॉग बाली हिरोइनकें देबाक लेल पाइ छनि मुदा सहयोगी कलाकारकें देबा लेल बजटकें अभाव भ’ जाइ छनि जखन कि सहयोगी कलाकार सेहो एकटा महत्त्वपूर्ण अंग होइत छैक । किछु निर्माता एहेन छथि जिनकर एकटा टीम तैयार छनि बस ओतबे कलाकारकें संग बेर-बेर फिल्म बना रहल छथि त’ एहेन सन परिस्थितिमे आर कलाकारकें अवसर कोना भेटतनि । हम त’ नामक उल्लेख नञि कर’ चाहै छी, बहुत एहेन नामी गिरामी कलाकार सभ ओत’ पहुँचै छथि जेकि मैथिली आ भोजपुरी फिल्ममे स्थापित छथि आ हिन्दी सीरियलमे एक्को-दू टा सीन करबा लेल तैयार रहै छथि मुदा आव-भाव आ अभिनयमे परफेक्शननैं हेबाक कारणें ऑडिशन तकमे पास नञि भ’ पाबै छथि । हम किनको प्रतिभा पर प्रश्नचिन्ह नञि लगा रहल छियनि बस हम एतबे कह’ चाहै छियनि ज’ अभिनय क्षेत्रमे आब’ चाहै छी त’ किछु तैयारी आवश्यक छै आ महत्त्व ई नञि रखै छै जे रोल लीड अछि वा सपोर्टिंग अछि महत्त्व रखै छै एक्सप्रेशन आ प्रेजेंटेशन । निर्माता लोकनि स’ सेहो आग्रह जे अहाँ जखन व्यावसायिक रूपे फिल्म निर्माण क्षेत्रमे आएल छियै त’ फेर व्यावसायिक लोक सभकें संग काज करियौ आ ओकर रोजी रोटी स’ जूड़ल समस्याकें सेहो ध्यान रखैत काज करियौ । हिन्दीक पैघ-पैघ प्रोडक्शनमे काज भेटब कने मोसकिल जरूर छै मुदा काज भेट गेलाक बाद कम स’ कम रोजी रोटीक समस्या त’ नञि छै कारण ओकर पेमेन्ट ऐसोसिएशन द्वारा निर्धारित छै आ सेहो निश्चित समयांतरालमे । नीक विषय वस्तु पर आधारित कहानी वास्ते ज’ कोनो फिल्मक प्रस्ताव आओत आ दमदार रोल भेटत त’ सहर्ष काज करबा लेल तैयार छी ।


आगाँ फिल्म निर्माण वा निर्देशनमे एबाक कोनो एहेन योजना ?
फिलहाल एखन त’ नञि कारण जे शुरुआतमे पटना दूरदर्शन स’ निर्माताकें रूपमे जूड़ल रही और बड्ड बेसी खराब अनुभव रहल । घरक पैसा स’ ल’ क’ अपनों जे किछु कमेने रही सभटा गमेलौं । भविष्यमे निर्माण क्षेत्रमे उतरबाक संभावना अछि । निर्देशनमे हमर कोनो खास अभिरुचि नञि अछि मुदा समय एला पर सेहो विचार कएल जेतै ।

मुंबईमे नवआगन्तुक कलाकरकें अपनें कोन रूपें सहयोग क’ सकै छियनि आ हुनका कैरियर बनेबा संबंधी की मार्गदर्शन वा सनेश देब’ चाहबनि ?
हम की मार्गदर्शन आ सनेश देबनि कारण हम त’ स्वयं संघर्षशील छी मुदा एहि स्तर पर हमरा स’ यथासंभव प्रयास भ’ सकैत अछि मदैत करै छियनि । अपना सभ दिसका बहुत लोक एलथि परिचय भेल पता चलल जे कियो खगड़िया स’ छथि, कियो पटना स’ छथि, कियो दरभंगा स’ छथि, कियो भागलपुर स’ छथि हुनका लोकनिकें कास्टिंग डायरेक्टर सभक पता द’ क’ पठा दै छियनि जिनका अन्दर प्रतिभा छनि ओ टिकि जाइ छथि अन्यथा ट्रेन पकड़ि वापिस चलि जाइ छथि । धैर्य त’ चाहबे करी कारण बहुत जल्दी नेम फेम ओकरे लेल संभव छै जकरा अन्दर स्वयंकें प्रतिभा होइन आ कियो गॉडफादर मदैत केनहार बैसल होइन अन्यथा अपना आपकें स्थापित करबा लेल शून्य स’ आरम्भ कर’ परतनि ।


ई एकटा सुखद क्षण छल अपनें संग भेंट-घाँटकें । अपनें जे किछु समय देल हमरा वास्ते ताहि लेल धन्यवादक संग अपनेक उज्जवल भविष्यक कामना करैत छी ।
मनीष जी ! ई मात्र अहीं लेल नैं हमरो लेल सुखद क्षण अछि जे अहाँ लोकनि सन समर्पित मिथिलापूतक संग बैसि अपन अभिनय यात्राक संदर्भमे नीक-अधलाह अनुभव साझा करबाक अवसर भेटल । हृदय स’ धन्यवाद देइत छी आ अपनहुँकें उज्जवल भविष्यक कामना करैत छी ।
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