मैथिली रंगमंच आ फिल्मक अग्रणी कलाकार रंजू झा आब नहीं रहली। जनकपुर के रामानन्द चौक पर 30 अप्रैल के भेल बम धमाका में 4 आन मैथिल सहित रंजू जी शहीद भ गेलीह।
जनकपुर, नेपालमें रहय वाली 35 वर्षीय रंजू झा स्थानीय कला आ थियेटरक दुनिया में एक जानल मानल नाम छल जे नेपाली आर मैथिली रंगमंच, टेलिवीजन आर फ़िल्मक एक्टा उभरैत नीक कलाकारा छलीह ।
विना कोनो औपचारिक प्रशिक्षण के रंजू झा जन्मजात प्रतिभाशाली कलाकार छलीह जे अपन मधुर आवाज आ नीक अभिनय सं अपन नाम समस्त कलाप्रेमी के मन-मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ि चलि गेलिह। मिथिला के एकटा गरीब परिवार में हिनकर जन्म भेल रहनि, त्यां अपन पढाइ लिखाई गामक स्कूल में भेल रहय। 10 वर्ष पहिने रंजू के सम्पर्क प्रसिद्ध थियेटर कर्मी महेन्द्र मलंगिया सं भेल आ हुनका सं अपन नाटक “काठकलोक”में गएबाक मौका देबै लेल निवेदन केने रहथि। कला के पारखी मलंगिया जी वोहि नाटक में मुख्य भूमिका दए रंजू जी के रंगमंच सं जोड़ि देलखिन। एकटा सामान्य मैथिली कन्या अपन सुमधुर आवाज के संग नीक नीक कलाकारक सूची में शामिल भए गेलि।
बाद में रंजू जी सर्वाधिक सफ़ल कलाकार मदन कॄष्ण एवं हरिवंश के संग बीबीसी मीडिया एक्शन द्वारा प्रस्तुत सीरियल “सृष्टि” आ “कथा मिथो सारंगिको” में काज कैलथि। एतबा टा नहिं, रंजू जी दीपक रौनियारक निर्देशन में बनल फ़िल्म “ चौकठि” में सेहो काज केलनि जाहिमें हुनक अभिनयक खूब प्रशंसा भेल। रंजू जी कयकटा मैथिली नाटकमें काज केलनि अछि जाहिमें “ ओखलि मूंह देखैछी”, ‘छुतहा घैल”,” गाम नहिं कटैया”, “ पूस जाड़ कि माघ जाड़”, बिरजू बिल्टु अबाबू” आ “ प्रेत चाहे असोज” प्रमुख अहि।
रंगमंच के अलावा, रंजू जी मैथिली सिनेमा सं नीक जका जुड़ल छलीह। रंजू जी कयकटा मैथिली फ़िल्म में सेहो अभिनय केलनि । हुनका द्वारा अभिनित किछु मैथिल फ़िल्मक नाम अहि- “ अहांके आंचल”,, ‘सेनुर”, आ “पिया करब गोहार” आदि ( संदर्भ-द इन्डियन एक्सप्रेस)। विकास झा द्वारा निर्देशित फ़िल्म “ मुखिया जी” रंजू जीक अन्तिम फ़िल्म अहि।
रंजू जी थियेटर आ कला के क्षेत्र में एकटा पैघ नाम प्रतिभा छलिह। हुनकर असामयिक निधन सं मैथिली फ़िल्म इन्ड्स्ट्रीज के खूब क्षति भेल अछि जकर पूर्ति नहिं कएल जा सकैत अछि। - भास्कर झा
श्रधांजलि ...
ReplyDeleteBomb Blast karai wala k Hammar du took :
शभ्य रहित सभ्यता क तार-तार केलों
जे कियो मैथिल पर वार लेलौं
उ इ जैन लियs इ मैन लियs
हम पीछू हटव इ नै मुमकिन
मुदा शस्त्र चलs आ अस्त्र चलs
हम खुनक घूँट पीयब, इ नै मुमकिन
उ इ जैन लियs इ मैन लियs
मैथिल मs चूड़ी स्त्रिये के श्रृंगार छि
हमही बैसल बसहा पर
हमी गर्दन म लेनs नाग छि
शभ्य रहित सभ्यता क तार-तार केलों
जे कियो मैथिल पर वार लेलौं
अहाँ की छि अहाँ केहेन छि
एक चोट मs चरितार्थ केलों
kramshah...
Dhiraj Jha.