Thursday, December 6, 2012

Arvind Sinha :The Greatest Maithil Documentary FIlmmaker of India



मिथिलाक महान सपूत अरविन्द सिन्हाजी भारतक प्रमुख डॉक्युमेन्टरी फ़िल्ममेकर मानल जायत छैथ। मूल रुप सं समस्तीपुर जिला अन्तर्गत नयानगर के रहनिहार अरविन्द जीक प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गाममें तथा पछाति कलकत्ता में भेल। कलकत्ता विश्वविद्यालयसं विज्ञानमें स्नातक कएलाके बाद अरविन्द जी डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म निर्माणक क्षेत्रमें अपन डेग़ बढबैत 1990सं लघु फ़िल्मक निर्माण कय रहल छैथ। 1990 में पहिल डॉक्यूमेन्टरी फ़िल्म छऊबनौलथि।  फ़िल्म “अजीत”(1996) अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर 19बनल डॉक्यूमेंटरी फ़िल्ममें सं सबसं बेसी प्रशंसित फ़िल्म अछि। हुनकर आर फ़िल्म अछि-”द रेक्लूस” (1992), कोसी समस्या पर आधारित हिनकर फ़िल्म दुई पाटन के बीच में” (1999) नेशनल अवार्ड के स्वर्णकमल सं पुरस्कृत फ़िल्म अछि। अरविन्द जी दुनियाके कतेक रास पुरस्कार के विजेता छैथ आर कयक बेर अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर सम्मानित भेल छैथ। JOURNEYINGS AND CONVERSATIONS” आर “ KING OF INDIA” एम्सटर्डम में आयोजित दुनियाक  सबसं पैघ आ महत्वपूर्ण डॉक्यूमेन्टरी कार्यक्रम आईडीएफ़ए (IDFA) जोरिस इवान्स प्रतियोगितामें गेल छल। अरविन्द जी 2001में जापानमें सम्पन्न भेल 'HOSO-BUNKA FOUNDATION TV DOCUMENTARY COMPETITION' केर विजेता छैथ । संक्षिप्तत: 19-20 वर्खक अनुभव प्राप्त अरविन्द जी  आठ नेशनल अवार्ड (राष्ट्रपति पुरस्कार) केर विजेता छैथ - 5 बेर निर्देशकक रुप में आर 3 बेर निर्माताक रुप में पुरस्कृत जेकि एकटा रिकॉर्ड अछि। ओ  कतेक बेर राष्ट्रीय ओ अन्तर्राष्ट्रीय फ़िल्म फ़ेस्टिवलमें जूरी सेहो रहि चुकल छैथ । सम्प्रति , अरविन्द जी कोलकाता में रहि रहल छैथ।

3 comments:

  1. अरविन्द सिन्हा एक मांजल निर्देशक छथि आ ओ काफी नीक के रहल छथि - कमाऊ जिन्द्गीस दूर लोकोपयोगी फिल्म बनबैत छथि
    हुनका बारेमे पढ़ला पर नीक लागल जे ओ समस्तीपुर क छथि आ आइये ख़ बरी भेटल जे विश्व सुन्दरीमे ओतहीके एक लडकी भारतक प्रतिनिधित्व क रहल अछि
    वस्तुतः समस्तीपुर क माटिये ये जोरगर - ओहेन सीसा खैनी कतहु नही, मिरचाई आ थैना मैथिलीभक्त दरभंगा मधुबनी स अधिक समर्पित।
    8.1. 2000 क भेल सातम अंतरराष्ट्रिय मैथिली सम्मेलन, जमशेदपुरमे कोशी बाढी पर एक फिल्म देखोने छलाह जाकर निर्देशन ओ स्वयम केने छलाह आ बहुत देर हुनकास हमर बात भेल छल।
    याद आयल जे ओ फिल्म "दुई पाटन क बीच में छल " हुनका स फिल्म में लंबा वार्तालाप कम कर्क सुझाव देने छलियेन्ही वा एक कहानी के रूप में प्रस्तुत कायल जेतैक से कहलियिन्ही(बाद में हम एक बंगाली विदुषी महिलास एही पर बात केलहुं आ बे रमा सागर राती में एक कथा "कोशी मैया तुन धोलें हमर हमर सिंदूर " लिखी देलहुं जकरा बढ़ा एक नीक फिल्म बनी सकैत अछि यदि कियो बनाबी चाही।

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