ई छैथ बिहारक कलाकार आ
हिन्दी फ़िल्मक खलनायक रामायण तिवारी जॆकि मैथिली फ़िल्म “ कन्यादान”मे लालककाक भूमिकाके लॆल चयन
भॆल रहथि। चन्द्रनाथ मिश्र “अमर”कें हुनक उच्चारण शुद्ध करबाक हेतु भार देल गेल रहय । एहि फ़िल्म मे एकटा डायलॉग छल- “की भेल? किएक चिकरैत छी ?”
रिहर्सलक समयमे रामायण
तिवारी पूर्ण मैथिलीक छवि- छटामे बाजथि- की भेल ? किएक चिकरैत छी ? मुदा जखन कैमराक सामनेमे जाथि तँ बोलती बन्द
... थरथरा जाथि ... घिग्घी बँधि जाइन्ह । फेर बेर बेर रिहर्सल आरम्भ !, एना जखन तीन बेरि भेलैक तँ
रामायण तिवारी अपने कहलथिन्ह ... “हमसे नहीं होगी । मुझे माफ कर दें” ।फणिमजुमदारकें रंज भ ' गेलनि- “पद्मादेवी, दुलारी बाइ बोल सकती है, आप बिहार के हैं, आप क्यों नहीं मैथिली बोल
सकते हैं ?” रामायण तिवारी साफ कहि
देलथनि " बिहार का हूँ इसलिए मैथिली शुद्ध-शुद्ध बोल नहीं पाता हूँ।"
तकर बाद
लोकक नजरि चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” पर गेलैक । फणिमजुमदार आ
सर्वोपरि रामायण तिवारी अमर जी सं लालकक्काक भूमिका करबाक लॆल अनुरोध केयलनि आ ई
भूमिका अमर जीकें भॆंट गेलनि।
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