दरभंगा जिलान्तर्गत जाले प्रखंडके खड़का-बसंतके रहनिहार श्री सत्यनारायण झा ‘सुमन’ (जन्म
3 मार्च, 1948) अपन जमानाक प्रसिद्ध आ लोकप्रिय मैथिली गायक छैथ। सम्प्रति, सुमन
जी मुजफ़्फ़रपुर, सीतामढी, दरभंगा आ मधुबनी , चारू जिलाक सीमान पर बसल खड़का-बसंतमे अपन
गायनक बले मिथिलाक एहि क्षेत्रकें मिथिला-मैथिलीक सांस्कृतिक गतिविधिसं सजग रखने
छैथ। युवा कवि, कला, साहित्य, संस्कृतिप्रेमी भास्कर जीक संग भेल हुनक साक्षात्कारक किछु
अंश-
गायन दिस अहांक रुझान कोना आ कहिया भेल?
गीत-संगीतमे हमर रुचि बाल्यकालहिं सं छल। दोस महीमक संग कहीं बुलैत, बैसत वा
खेलैत काल निरन्तर गबैत रही। मित्र-मंडलीसं सतति प्रोत्साहन आ उत्साह्बर्धन भेटैत
रहय। स्थानीय आ स्कूल स्तर पर गाबय लगलहुं। जहन हम छट्ठा वर्गमे रही त’ पहिल बेर
द्वारिका नाथ हाई स्कूलमे स्वागत गान गेने रही। उत्कृष्ट प्रदर्शनके फ़लस्वरुप हमरा
पुरस्कृत कएल गेल छल। हमर प्रिय गीतकार-गायक रबीन्द्र-महेन्द्र प्रेरणास्रोत छ्लैथ।
गायन क्षेत्रमे अहां ‘सुमनजी’क उपनामसं लोकप्रिय भेल छी। अहींक नाम पर खड़का
बसंत केर प्रसिद्ध चौक’ सुमन चौक’ विख्यात भेल अछि। ई उपनाम कोना भेटल ?
ई सत्य बात थिक ! हमरा लोक सत्यनारायण झा नामक अपेक्षा ‘सुमनजी’ नामे बेसी लोक
चिन्हैत छैथ। ‘सुमनजी’ उपनाम जोड़बाक पाछु तत्कालीन समयमे गायक आ गीतकारक उपनाम
रखबाक परिपाटीक भूमिका छल। हमरा ‘सुमन’ नाम देबयके श्रेय हमर ग्रामीण आ अभिन्न मित्र कामोद मिश्रा (कोलकाता मैथिली रंगमंच पर गुणनाथ जीक नाटक 'कनिया-पुतरा' आ 'पाथेय'मे अभिनय केने छलैथ)कें जायत
छैन । गायक के रुपमे हमर लोकप्रियता बढय लागल छल। तें ओ हमरा सुझाव देलाकि अहां ‘सुमन’
उपनाम सेहो राखि लियS!
आ पछाति हम ‘सुमन’ नामसं
लोकप्रिय भ’ गेलहुं। एहि लोकप्रियताक प्रतिफ़ल अछि बसंत गामक ‘ सुमन चौक’।
अहांक प्रत्येक गीतमे रमन- सुमनक जिक्र रहैत अछि। गीतकार ‘रमण’सं कोना सम्पर्क
बनल?
प्रारंभमे हम अपने लिखल गीत गबैत रही। मुदा लोकप्रियता बढबाक कारणे हमरा नबका नबका
गीतक खगता होमय लागल। गीतकार रेवती रमण झा ‘ रमण’ एहि अप्रत्याशित कमीक पूर्ति अपन
गीतमालासं क’ देलनि। रमण जी जॊगियारा के पतोर गामक निबासी छैथ। साइठक दसक, संभवत: 1965मे, हमरे ग्रामीण मखेश झाक माध्यमे हुनकासं हमरा सम्पर्क भेल छल। मखेश जी ट्रेनसं
पटना अबैत रहैत। गाड़िये में हुनका रमण जीसं परिचिति भेल छल। रमणजीकें हमर नाम
सुझौला कि हम उदीयमान गायक छी । किछुए दिनक बाद पटना आर्ट्स कॉलेजमे रमण जी सं
हमारा भेंट भेल। ओ सहयोग करबाक आशा देलनि आ यथासंभव सहयोग दैत रहलाह। दुनू गोटे- गायक
आ गीतकार- ‘रमण-सुमन’नाम्सं सुपर हीट भ’ गेलहुं।
अहां रेडियो स्टेशनक जानल पहिचानल गायक छलहुं। रेडियो स्टेशनसं जुड़बाक अपन
यात्राके मादे किछु कहियौ?
गामसं प्रस्थान करबाक बाद पटना हमर
कर्मस्थली बनल। ओहि ठाम अपन गीत-नादक प्रस्तुति दैत स्थानीय आ राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम
सबमे बपन सहभागिता दैत रहलहुं। वर्ष 1977मे पटना रेडियो स्टेशनसं जुडलाक बाद ओहि
ठाम हम एक साल धरि गायकके रुपमे अपन सुनर प्रस्तुति दैत रहलहुं। फ़ेर, 1978में दरभंगा
आकाशवाणीसं जुड़ि गेलहुं। हितैषीके रुपमे बटुक भाइसं बड्ड सहयोग भेटल। आहि तरहे हम
22 वर्ष धरि रेडियो स्टेशनमे गबैत मां मैथिलीके सेवा करैत रहलहुं। संगहि, दिल्ली,
कोलकाता,जनकपुर, रायपुर आदिमे आयोजित विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमे मैथिली गीतक
प्रस्तुति करैत छलहुं।
अहांक कैसेट “तोहर बाजब बड्ड अनमोल” ओहि समयमे बड्ड चलल छल। एहि सुन्नर कर्यमे
अहांक के के सहयोग कएने छलैथ?
दस गोट सुन्नर आ मधुर गीतक संग्रह “तोहर
बाजब बड्ड अनमोल” वर्ष 1987मे बहराएल छल। गीत बड्ड लोकप्रिय भेल रहै। कैसेट
निकालबाक कार्यमे विशेष रुपे, हमर अनुज सूर्यनारायण झा (आब एहि दुनियामे नहिं
रहलाह!) आ अनेकानेक प्रेमीलोकनिक
अविस्मरणीय सहयोग भेटल छल।सब गीत रमण जीके रहनि। परिचय प्रोस्ताता जयकुमार झा
छ्लैथ। मुदा दुखक बात जे हम किछु कारणवश अपन अगिला कैसेट नहिं निकालि सकलहुं।
मैथिली गीत-संगीतक वर्तमान स्थिति पर किछु कहय चाहब?
मैथिली गीत-संगीतक वर्तमान स्थिति दयनीय अछि। मैथिलीक सुर-सौम्यता पर भोजपुरीकरणक
रंग चढय लागल अछि। द्विअर्थी गीत, कान-फ़ाड़ू संगीत, गायकीमे अश्लील स्वरावरोह आदि
मिथिलाक माधुर्यके मलीन आ म्लान करय पर लागल अछि। गाम घरमे भोजपुरी गीतक चलती भ’
गेल अछि। जाधरि मिथिला-मैथिली, आ अप्पन माटि पानिके प्रति लगाव वा गौरबक बोध नहिं
होयत ताधरि ई स्थिति दिनोदिन बिगरैत रहत।
धन्यवाद!
SHRI PUR HATI, FILM CITY, EDU HUB, HEALTH CLUB, SPORTS ACADEMY, ALL ARE ACTIVE TO MANAGE SYSTEMATICALLY,MITHILA VIKAS MANACH, STOP DOWRY , EMPLOY BRIDE AND BRIDE GROOM 09929895334, FOR HEALTHY AND PEACEFUL CIVIL SOCIETY
ReplyDeleteSABHAK LEL ROZGAR, ROG HAR, SHRI PUR HATI, MADHUBANI, BIHAR. MITHILA TOWER . 09929895334, HASI LIE, HANSU AUR SUKHI RAHU
ReplyDeleteनीक साक्षात्कार ।
ReplyDeleteनेनपनक गाम मोन पाड़ि देलहुँ -
विद्याक देवी हमर छी प्रणाम ।
अहाँ तेजि जइयौ ने मिथिलाक धाम ।।
बाबा के जय हो ।
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ReplyDeleteआदरनीय🙏🏼🌺🌺🌺सत्यनारायण झा (सुमन जी),🌺🌺
ReplyDeleteअपने मिथिला आ अपन गाम के शान छी।
काली पूजा (बसंत) मे अहां द्वारा गायल सु मधुर ऐतिहासिक आरती व समदाउन व अन्य गायन अहीं द्वारा सुशोभित अछी।🌹 🙏🏼🙏🏼🙏🏼