Thursday, February 23, 2012

Playback Singer Udit Narayan Jha



हिन्दी सिनेमा जगत में संगीत के क्षेत्र में कई ऐसे नाम हैं जिन्हें हम सदाबहार गायिकी के लिए जानते हैं. अगर इस लिस्ट में किशोर कुमार जैसे हिट गायकों का नाम पुराने सितारों के रूप में लिया जाता है तो कुमार सानू, उदित नारायण और सोनू निगम सरीखे आज के सितारे हैं. इनमें से उदित नारायण वह शख्स हैं जिन्होंने हिंदी सिनेमा में बहुत से गानों को अपनी आवाज से सजाया है. आज उदित नारायण का जन्मदिन है.

उदित नारायण की प्रोफाइल
उदित नारायण का जन्म 01 दिसंबर,1955 को बिहार के सुपौल जिले के बसई गांव में हुआ था. हालांकि कुछ लोग उनका जन्म नेपाल में बताते हैं जिसका उदित नारायण हमेशा से खंडन करते रहे हैं. उदित नारायण का पूरा नाम उदित नारायण झा है. उनके पिता का नाम हरे किशना झा और मां का नाम भुवनेश्वरी झा था. उदित नारायण की स्कूली शिक्षा पी.बी. स्कूल, राजबिराज से पूरी हुई जो नेपाल में स्थित है. इसके बाद उन्होंने रेडियो नेपाल में मैथिली और नेपाली लोक गाने गाकर अपने कॅरियर की शुरूआत की.

उदित नारायण का कॅरियर

उन्होंने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरूआत नेपाली फिल्म “सिंदुर” से की. इस फिल्म में उन्होंने पार्श्वगायिकी की. साल 1978 में वह मुंबई आ गए. 1980 में उन्हें पहली बार किसी फिल्म में गाने का मौका मिला. फिल्म “उन्नीस बीस” में उन्होंने पहली बार हिन्दी फिल्म में गाना गाया. इसके बाद उन्होंने बड़े दिल वाला, तन-बदन आदि फिल्मों में गाना गाया. लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा सफलता मिली सुपरहिट फिल्म “कयामत से कयामत तक” के गीतों के द्वारा. इस फिल्म में उन्होंने “पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा…” जैसे गाने को अपनी आवाज दी. इस गाने के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फिल्मफेयर अवार्ड मिला.

इसके बाद तो वह हिन्दी सिनेमा के प्रतिष्ठित पार्श्वगायकों में गिने जाने लगे. उन्होंने मशहूर संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, जगजीत सिंह, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम किया. उदित नारायण ने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान, स्वदेश जैसी कई हिट फिल्मों के लिए गाने गाए.

उदित नारायण को मिले पुरस्कार

उदित नारायण को साल 2009 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया था. उदित नारायण की जादू भरी आवाज ने उन्हें तीन बार नेशनल अवार्ड का खिताब दिलाया है. उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का राष्ट्रीय पुरस्कार तीन बार मिला है जिसमें साल 2002 में फिल्म “लगान” के गाने मितवा.. दूसरी बार फिल्म “जिंदगी खूबसूरत है” के गाने छोटे-छोटे सपने और तीसरी बार फिल्म “स्वदेश” के गाने यह तारा वह तारा.. के लिए उन्हें यह खिताब दिया गया. इसके साथ ही उन्हें पांच बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फिल्मफेयर अवार्ड भी दिया गया है. उन्हें यह अवार्ड फिल्म कयामत से कयामत तक, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान जैसे सुपरहिट फिल्मों के लिए मिले. साथ ही उनकी झोली में और भी कई पुरस्कार शामिल हैं. उदित नारायण अब तक 30 भाषाओं में करीब 15 हजार गीत गा चुके हैं.

उदित नारायण के साथ विवाद
उदित नारायण ने दो शादियां की हैं. उनकी पहली पत्नी का नाम रंजना झा है जिससे उनका एक बेटा है. उन्होंने दूसरी शादी दीपा नारायण से की थी जिन्होंने उनके साथ फिल्म “दिल दीवाना” में गाना भी गाया था. हालांकि उन्होंने अपनी दो बीवियों को लंबे समय तक एक दूसरे से अंजान रखा पर जब मीडिया में उदित नारायण की दो शादियों की खबर आई तो सब सामने आ गया और उनकी पहली पत्नी रंजना झा ने उनके ऊपर केस कर दिया. कोर्ट में केस के बाद उदित नारायण ने अपनी दोनों बीवियों को एक साथ रखने का फैसला किया.

उदित नारायण का बेटा आदित्य नारायण भी एक बाल गायक है और नेपाली फिल्मों में गाने गाता है.
उदित नारायण के कुछ बेहतरीन गानों में “पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा”, “मेहंदी लगा कर रखना”, “परदेशी परदेशी जाना नहीं” आदि बहुत ही मशहूर हैं.
source : jagran.com

Thursday, February 9, 2012

Emerging Actor Bhaskar Jha ( by Bhaskar Jha)

ई छथि नवका पीढीक नीक कलाकार भास्कर झा। मिथिला में कलाकारक कोनो अभाव नहिं। वाणिज्यिकरण के बादो कला क्षेत्र में आई मिथिलांचल सं अनेकों कलाकारक पदार्पण भ रहल अछि। नवतुरिया कलाकारक सूची में भास्कर झा से हो अपन नीक स्थान रखैत छथि।
 मूलत: मधुबनी जिलाक बेनीपट्टी के धकजरी निवासी भास्कर झा अपन प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा के बाद 2003 में बिहार आर्ट थियेटर सं आ 2004 में बिहारक संस्कृति विभाग सं कला प्रदर्शन में मेरिट सर्टिफ़िकेट प्राप्त केलनि।
1999 सं ही ईप्टा, (पटना), भंगिमा, (पटना) एवं कएकटा आन ग्रुपक संग कतेक रासे काज केने छथि। अहि दौरान भास्कर जी लगभग 50 टा रंगमंचीय नाटक तथा नुक्कर नाटक केलनि। 2002 सं 2005 धरि वो सेन्ट्रल स्कूल पटना में नाट्य शिक्षकक रुप में काज केलनि। पैघ पैघ एनजीओ के संग एडस, शिक्षा, एन्टी ड्रग्स आदिक कार्यक्रम में भाग लेलनि। 2006 सं एखन धरि दिल्ली में विभिन्न थियेटर ग्रुप में कार्य कय रहल छथि । अहि थियेटर ग्रुप में नटराज आर्ट थियेटर, मैलोरंग,मिथिलांगन आदि किछु प्रमुख नाम थिक । 
भास्कर जी अक्वा सॉफ़्टेक मिनरल वाटर आदिक लेल कयकटा एड फ़िल्म से हो केने छथि।
 नेना भुटकाक लेल 5टा छोट छोट नाटक तथा एकटा फ़ुल लेंग्थ नाटक लिखबाक संगहि भास्कर जी 5टा फ़ुल लेंग्थ नाटक, 3 नुक्कड़ नाटक  आ 14 छोट नाटकक सफ़ल निर्देशन सेहो केने छथि। हिनका फ़िल्म, टेलिफ़िल्म, डॉक्यूमेन्टरी कार्यक्रम तथा सीरियल में काज करबाक विशेष अनुभव छनि। डॉक्यूमेंटरी कार्यक्रम में बिहार संगीत नाटक एकेडमीक लेल “ माटी के रंग”, गायत्री परिवारक लेल “ गंगा तट की सुबह”,मैथिली सीरियल में “ नैन न तिरपित भेल” आ “दीयर-भौजी”, मैथिलीक टेलिफ़िल्म “सीतायन” एवं मैथिली फ़िल्म “सिन्दूरदान” में नीक अभिनय केने छथि। जल्दिये एकटा आर मैथिली फ़िल्म में अभिनय करैत देखाई देताह। रिपोर्ट- भास्कर झा

Wednesday, February 8, 2012

मिथिला रत्न हेमकान्त झा / MITHILA RATNA HEMKANT JHA



मैथिली भाषाक चर्चित गायक हेमकान्त जीक जन्म दर्भंगा जिला अन्तर्गत शुभंकरपुर ग्राम में 1949 भेल छल। हिनकर पिताक नाम स्व. सूर्यकान्त झा आर मायक नाम पूनम देवी छलनि। हिनकर बाबूजी अपना समयक नामी अधिवक्ता छलाह । हेमकान्त जी लगभग 6000 सं ज्यादा गीत गेने छथि। हिनकर पहिल कसैट एस एम सीरिज सं निकलल छल जे बाद में नीलम कसैटक नाम सं प्रसिद्ध भेल। कालान्तर में हेमकान्त जी अनेको कम्पनीक लेल गीत गेलनि जेना टी सीरिज, टीप्स,एचएमवी, नीलम। हिनकर पहिल “सनेस” छल। सनेश क्यासेट बजारमे एलाकबाद मैथिली संगीतक दुनियामे तहलका मचौने छल । दुर्भाग्यवश, हेमकान्त झाकें दरभंगामे निधन भय गेल । हुनका ब्रेनहेम्ब्रेज भेल छल ।
  
५० वर्षीय गायक हेमकान्त मैथिली संगीत क्षेत्रक चर्चित नाम रहथि । मामा यौ कनि खैनी दिय सन चर्चित गीतक ओ गायक रहथि । हुनक सनेश , हिमरेखा, भौजी, चल मिथिलामे चल, सौगात, कखन हरब दुखमोर, ममतासन दर्जन सँ बेसी एलबम निकलल अछि ।

मिथिलाञ्चलक कोनो एहन मञ्च नहि छल जाहिमे ओ आमन्त्रित नहि होइत छलाह । हुनक निधनकँे बाद सम्पूर्ण मिथिलाञ्चलमे शोक व्यक्त कएल जा रहल अछि । हेमकाण्त झाकेँ निधनसँ मैथिली आन्दोलनकेँ बडका क्षति भअ गेल। हेमकान्तकेँ आधुनिक मैथिली गीतकेँ  जनजनमे पहुँचाबयबला व्यक्तिकँे रुपमे जानल जाइत अछि। हेमकान्तक निधन सँ गीत संगीत क्षेत्रके बडका धक्का लागल । 
 ‘एतेक बडका स्टार भेलाक बादो हुनकामे कनिको अहम नहि छल
 कहल जायत छै कि रबीन्द्र महेन्द्र मैथिली गीत संगीतकें गाम गाममे पहुचौलथि तऽ हेमकान्त बजार विस्तार कएलन्हि

Maithili Singer Suresh Pankaj



ई छथि मैथिलीक लोकप्रिय गायक सुरेश पंकज । मूलत: समस्तीपुरक खजुरी निवासी अपन गायकीक विशिष्ट अन्दाज लेल चर्चित गायक सुरेश पंकजक जमाना बदलि गेलैय, पाहुन, कोहबर घर, तोहरे शरणमें, मीता आदि दर्जनों म्यूजिक अल्बम चर्चित रहल अछि।
57 वर्षीय सुरेश पंकज एखनो धरि खूब सक्रिय छथि आ मैथिली संगीतक क्षेत्र में अपन विशिष्ट योगदान दय रहल छथि । 5 दिसंबर 2011 के बनगांव (सहरसा) में आयोजित भव्य समारोह में लक्ष्मीनाथ स्मृति पर्व पर देल जाय बला लक्ष्मीनाथ स्वर सम्मान एहि बेर सुरेश पंकज जी के प्रदान कयल गेल अछि।

Wednesday, February 1, 2012

निर्देशक, गीतकार आ अभिनेता- शंभुनाथ मिश्रा (Director Shambhunath Mishra)

शंभूनाथ मिश्रा ,मोबाइल-09831952199
ई छथि बहुमुखी प्रतिभाक धनी व्यक्ति शंभूनाथ मिश्रा । गंभीर आत्मविश्वासी आ दृढ संकल्पित शंभुनाथ मिश्र जी 1970 में रंगमंचीय जीवन में पदार्पण भेल छल। मिथिलांचल के हॄदयस्थल दरभंगा जिलाक पनिचोभ गाम में जन्मल मिश्रा 1980 धरि मैथिली नाटक सं जुड़ल रहलाह। अहि के उपरान्त कलकत्ता हिन्दी रंगमंच सं सेहो जुड़ि गेला आर अपन मनक अनुरुप नाटक मंचन करैत गेला। प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक अमर गुप्ताक नाटक “ जनतंत्र जिन्दाबाद” सं मिश्रा जी कलकत्ता में अपन रंगमंचीय जीवनक शुरुआत केने छथि।


1985 में शंभुनाथ मिश्रा जी अपन एक नव नाट्य-संस्था “ झंकार“क स्थापना केलथि। 1986ये में पटना में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मैथिली नाट्य प्रतियोगिता में हिनका दोसर “ श्रेष्ठ चरित्र अभिनेता”क पुरस्कार प्रदान केल छल। 1992 में इलाहाबाद में आयोजित “अखिल भारतीय लघु नाट्य प्रतियोगिता “ में अपन लिखल आर स्वनिर्देशित मैथिली नाटक “मिथिलाक- अभिशाप” में उत्तम अभिनयक लेल हिनका के “श्रेष्ठ अभिनेता”क पुरस्कार देल गेल छल । 

एखन धरि शंभुनाथ मिश्रा जी 125 सं बेसी नाटक में अभिनय केने छथि आ प्राय: 15 नाटक लिखाबाक गौरव प्राप्त केने छथि। संअगहि 40 सं बेसी नाटकक सफ़ल निर्देशन केने छथि। अतव्या नहिं, शंभुनाथ जी कलकत्ता में निर्मित टीवी सीरियल पी कुमारक “गनदेवता “ आ कॄष्णा राघवनक “चरित्रहीन “ में सेहो बड नीक काज केने छथि। 



कविता आ गीत लिखकय शौकिन शंभुनाथ जी पटना दूरदर्शन आ नेशनल नेतवर्क पर प्रसारित कईअकटा सीरियल में मुख्य भुमिका निभौने छथि जाहिमें चन्दन भट्टाचार्यक “पर्यटन और समृद्धि”, “चेतना”, “इन्टरव्यू”, ”बुद्धम शरणम गच्छामि”, “दिशा”, “धरती की धरोहर”, “जंगल के इशारे” आदि किछु पैघ नाम उल्लेखनीय अछि। समस्त मिथिलांचल में 28 फ़रवरी 2010 में रिलीज भेल मैथिली फ़िल्म “पिया संग प्रित कोना हम करबै” में मुख्य भूमिका केने छथि । मिश्रा जी सूरज तिवारी द्वारा निर्देशित भोजपुरी फ़िल्म "मिल गईलए प्रियतम" में जल्दिये देखाई देता।


हिनकर सशक्त अभिनय शैलीक प्रशंसा करैत साक्षीस्वरुप तत्कालीन महत्वपूर्ण अखबार में प्रकाशित  समाचार/ आलेख / रिपोर्ट आर साक्षात्कारक किछु अंश आ नाटकक अभिनय चित्र:
पार्श्व गायक कुमार शानू के संग शंभुनाथ मिश्रा
पार्श्व गायक मो अजीज के संग