Thursday, April 24, 2014

Nitesh Bhardwaj : An Emerging Maithil Film DIrector



मूलतः दरभंगा जिलान्तर्गत ब्रह्मपुर (जाले) गामक रहनिहार नितेश भारद्वाज (नितेश्वर ठाकुर) युवा मैथिल निर्देशक छैथ जेकि बहुत रास लघु फ़िल्म आ डॉक्यूमेन्टरी फ़िल्मक निर्देशन केने छैथ। मैथिलीक शीघ्र प्रदर्श्य बहुचर्चित फ़िल्म ‘हाफ़ मर्डर’सं लोकप्रियता प्राप्त केनिहार नितेश जीक संग भेल युवा मैथिलकर्मी रामनरेश शर्मा जीक भेंटवार्ताक किछु अंश :

अहां एकटा उदीयमान युवा मैथिल निर्देशक छी । सिनेप्रेमी अपन निर्देशक जीनगीके बारेमे बड्ड रुचि लैत रहैत छैक। तैं , सर्वप्रथम अहां अपन पारिवारिक पृष्ठभूमिक मादे किछु कहू ।
जी, धन्यवाद ! हमर हंसैत खेलैत सुखद परिवार अछि जाहिमे हम पाँच भाय छी। सबसँ ज्येष्ठ हमही छी। हमर पिताजी सरकारी नौकरी करैत छैथ।  सच कहू तS हमर परिवारक लोककें फिल्म जगतसँ कोनो लेना देना नहिं। नान्हियेटासँ ड्रामा आदि में रुचि छल आ तैँ नाट्य मंचनसंग संग कै गोट ड्रामा सेहो लिखलहुं। 

फ़िल्म निर्देशनक क्षेत्रमे अहांक डेग कोना बढल ? एहि क्षेत्रमे अहांक की उपलब्धि ?
पिताजीके पोस्टिंग उ.प्र. में छलैन तैँ उ.प्र. के जंगलमे घूमयके नीअवसर भेटल आओर एहि सँ प्रभावित भs सांझ प्रेम नामक एकटा शार्ट फिल्म बनेलहुं एहि फिल्मक कारणे हमरा आ हमर काज बड्ड प्रशंसित कएल गेल। प्रोत्साहित भs हम लगले एकटा आओर डेढ-दू घंटाक नक्सल आधारित टेली फिल्मराह अपन भाग्य अपन बनेलहुं जाहि लेल उ.प्र. के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक बृजलाल के द्वारा हमरा प्रशस्तिपत्र सेहो भेटल। तकर पछाति हम नक्सल आधारित तीन- चारिटा आरो शार्ट फिल्म नेलहुं जाहिमे पल पल तेरे साथ,चौकसीआदि सेहो छल । हम नरेगा आधारित एकटा डाक्यूमेन्ट्री सेहो बनेलहुं जकरो बड्ड प्रशंसा भेटल।


मिथिला-मैथिलीक प्रति प्रेम आजुक मैथिलमे बड्ड कम देखल जायत छै। फ़िल्मक माध्यमे अपन मातॄभूमि आ भाषाक विकास दिस दिस कोना अग्रसर भेलहुं ?
मैट्रिक धरि हमर पढाइ लिखाई गामेमे भेल अछि । हृदयमे मिथिला प्रेम अछिये। मुदा मधुबनी कांड केर कारणे मैथिलीमे फ़िल्मक निर्माण आ निर्देशनक दिस हमर झुकाव भेल । सबसं पहिने हम मधुबनी कांड पर आधारित एकटा  पटकथा लिखलहुं जकर नाम छल हाफ मर्डरतकर बाद एकटा टेक्निकल टीम तैयार कs शूटिंगक तैयारी में लागि गेलहुं। प्रारंभमे प्लान बनल जे पहिने नोएडा में फिल्मक मुहुर्त कयल जाए । मुहुर्त सँ किछु दिन पहिने अपन परम मित्र नवीन चौधरीक माध्यम सँ निर्माता रमानाथ झा जी सँ भेंट भेल । बड्ड विचार-विमर्शक बाद रमानाथ जी 15लाखक बजटवला फिल्मके प्रोड्यूसर बनलाह ।  

आब अहां एहि फ़िल्मक हिस्सा नहिं छी। अहाँ पर किछु आरोप सेहो लागल आरोप अछि - प्रोड्यूसरसँ करारके मुताबिक कलाकार लोकनि के मेहनताना अपने के भेजल गेल मुदा अपने कलाकार लोकनि के तय राशि सँ कम भुगतान केलियैन आब अहां अपने मुंह सं कहू जे की कारण छल जाहि दुआरे अहाँके हाफ मर्डर सँ दूर होमय पड़ल ?
हमरा पर लगायल गेल सब आरोप निराधार अछि । एहि आरोपक प्रत्युत्तरमे हमर कहब अछि जे फ़िल्मसं संबंधित कलाकार लोकनिके भुगतान हमरा द्वारा नहि कयल गेल हँ, तकनिशियन लोकनि के हम चेक द्वारा भुगतान केने छियैन आ मात्र छोट-छीन खर्चा नगद में अछि । जखन चेक द्वारा भुगतान भेल त कम वा ज्यादा दै के कोनो प्रश्ने नै उठैछ ।

अहां पर इहो आरोप अछि कि अहां फ़िल्मक प्रोड्यूसरके दिन भरिक शूटिंगक हार्ड डिस्क बेर-बेर माँगला के बादो नै देलियैन । से कियैक ?
देखू ! ‘ हाफ़ मर्डर’क दैनिक शूटिंगक उपरांत सब सामग्री तीन टा हार्ड डिस्क मे सेव होय छल जाहिमे सँ एकटा कॉपी हमरा भेटै छल आ दू कॉपी स्वयं प्रोड्यूसरके देल जाय छल । शूटिंगक समाप्ति के बाद EDITING लेल हम अपनो हार्ड डिस्क हुनके द देलियैन । तकर बाद आगि लगलाक कारण हमर लैपटाप जरि गेल जाहि में हाफ मर्डर सहित हमर व्यक्तिगत डाटा सेहो स्वाहा भ गेल किछु स्टील फोटोग्राफी छल, सेहो प्रोड्यूसर लs गेलाह । आब हमरा लग हुनका दै लेल कोनो कॉपी नहि बाँचल छलबस ! अपन स्पष्टीकरणमे हम अतबेटा कहब । हां, संगे इहो कहब जे हमरा संग न्याय हो। 

निकट भविष्य में अपने की सब करै बला छी ? कोनो नव प्रोजेक्ट ? जानकारी लेल किछु कहल जाव
एखन विशेष तs किछु ने ! मुदा हं ! हम एकटा हिन्दी फिल्म बना रहल छी जेकि नक्सलवादक समस्या पर आधारित अछि। फ़िल्ममे ई देखायल गेल अछि जे उ.प्र. में माओवाद कोना पसड़ल आ कोना नियंत्रण में आयल आओर एहिमे उ.प्र. पुलिस के की तिकड़मबाजी छल ।

मैथिल समुदाय सँ अपनेक कोन तरहक अपेक्षा ?
जहिना भोजपुरी वा आन क्षेत्रीय भाषाक फिल्म में ओहि समुदायक लोक निवेश करैत छथि जाहि सँ प्रेरित भs दोसरो बाहरियो लोक फिल्म निर्माणक क्षेत्रमे में निवेश करै छथि आ एहि तरहे ओ फिल्म इंडस्ट्री दिनो दिन विकासक पथ पर अग्रसर भs रहल अछि। तहिना मैथिल समाज सँ हम अपेक्षा कs रहल छी जे ओ सब मैथिली फिल्म निर्माण में बेसी सँ बेसी निवेश करैथ जाहि सँ एहि इंडस्ट्री के विकास होयत ।
आजादीक 68साल बादो मैथिली फिल्म इंडस्ट्रीक विकास नै भ सकल जेकि चिन्तनीय आ विचारनीय अछि। अहाँ एकर की कारण मानै छी आ ऐ इंडस्ट्री के स्थापित करै लेल अपनेक पास कोनो एहन रणनीति अछि जे अहाँ पाठक लोकनि संग साझी करय चाहब ?
एखन धरि मैथिली फिल्म इंडस्ट्री के विकास ओतेक नहि भs सकल। एकर मूल कारण थिक जे मैथिल समाज अपन भाषा आ संस्कृति के प्रति ओतेक जागरूक नै छथि आ जे छैथो से बड्ड कम। किछु सुधीजन समय-समय पर प्रयास केलाह जे मैथिली फ़िल्म इंडस्ट्रीके विकास हो, मुदा मिथिलावासीक भरपूर सहयोग नै भेटलैन । आब हमरा सबहक दायित्व अछि जे हम सब समाजके लोकके जागरूक करि जाहि सँ लोकमे भाषा आ संस्कृति प्रेम बढतै आ ओ सिनेमा हाल में मैथिली फिल्म देखै लेल पहुँचताह । एहि इंडस्ट्री के संरक्षण लेल सरकार पर दवाब बनाबि जाहि सँ मिथिला क्षेत्र में अधिक मात्रा में शुटिंग होयत। स्थानीय जनताके किछु आर्थिक मदद सेहो हेतैक आ मैथिल कलाकार जे आन भाषा-भाषीक फिल्म सँ रोजी-रोटी कमा रहल छथि हुनकर ध्यान पुन: अपन मातृभाषाके फिल्म के तरफ आकर्षित हेतैक । दोसर, जरुरत छैक जे हमरा लोकनि के कलाकार आ तकनीशियन सबहक नीक टीम हेबाक चाहि जाहि सँ फिल्मक शूटिंग नीक जकाँ हो । संगहि, फिल्मक प्रमोशन एतेक बढियाँ ढंग सँ हो जाहि सँ मैथिली फिल्मक प्रति लोकक आकर्षण बढै आ ओ सिनेमा हाल तक घिचल चलि आबैथ ।

अपने  बहुमूल्य समय हमरा लेल निकालहुँ ताहि लेल अपनेक बहूत-बहूत धन्यवाद । जय मिथिला ।
अहूंके धन्यवाद , रामनरेश जी ! जय मिथिला ।

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