Wednesday, February 1, 2012

निर्देशक, गीतकार आ अभिनेता- शंभुनाथ मिश्रा (Director Shambhunath Mishra)

शंभूनाथ मिश्रा ,मोबाइल-09831952199
ई छथि बहुमुखी प्रतिभाक धनी व्यक्ति शंभूनाथ मिश्रा । गंभीर आत्मविश्वासी आ दृढ संकल्पित शंभुनाथ मिश्र जी 1970 में रंगमंचीय जीवन में पदार्पण भेल छल। मिथिलांचल के हॄदयस्थल दरभंगा जिलाक पनिचोभ गाम में जन्मल मिश्रा 1980 धरि मैथिली नाटक सं जुड़ल रहलाह। अहि के उपरान्त कलकत्ता हिन्दी रंगमंच सं सेहो जुड़ि गेला आर अपन मनक अनुरुप नाटक मंचन करैत गेला। प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक अमर गुप्ताक नाटक “ जनतंत्र जिन्दाबाद” सं मिश्रा जी कलकत्ता में अपन रंगमंचीय जीवनक शुरुआत केने छथि।


1985 में शंभुनाथ मिश्रा जी अपन एक नव नाट्य-संस्था “ झंकार“क स्थापना केलथि। 1986ये में पटना में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मैथिली नाट्य प्रतियोगिता में हिनका दोसर “ श्रेष्ठ चरित्र अभिनेता”क पुरस्कार प्रदान केल छल। 1992 में इलाहाबाद में आयोजित “अखिल भारतीय लघु नाट्य प्रतियोगिता “ में अपन लिखल आर स्वनिर्देशित मैथिली नाटक “मिथिलाक- अभिशाप” में उत्तम अभिनयक लेल हिनका के “श्रेष्ठ अभिनेता”क पुरस्कार देल गेल छल । 

एखन धरि शंभुनाथ मिश्रा जी 125 सं बेसी नाटक में अभिनय केने छथि आ प्राय: 15 नाटक लिखाबाक गौरव प्राप्त केने छथि। संअगहि 40 सं बेसी नाटकक सफ़ल निर्देशन केने छथि। अतव्या नहिं, शंभुनाथ जी कलकत्ता में निर्मित टीवी सीरियल पी कुमारक “गनदेवता “ आ कॄष्णा राघवनक “चरित्रहीन “ में सेहो बड नीक काज केने छथि। 



कविता आ गीत लिखकय शौकिन शंभुनाथ जी पटना दूरदर्शन आ नेशनल नेतवर्क पर प्रसारित कईअकटा सीरियल में मुख्य भुमिका निभौने छथि जाहिमें चन्दन भट्टाचार्यक “पर्यटन और समृद्धि”, “चेतना”, “इन्टरव्यू”, ”बुद्धम शरणम गच्छामि”, “दिशा”, “धरती की धरोहर”, “जंगल के इशारे” आदि किछु पैघ नाम उल्लेखनीय अछि। समस्त मिथिलांचल में 28 फ़रवरी 2010 में रिलीज भेल मैथिली फ़िल्म “पिया संग प्रित कोना हम करबै” में मुख्य भूमिका केने छथि । मिश्रा जी सूरज तिवारी द्वारा निर्देशित भोजपुरी फ़िल्म "मिल गईलए प्रियतम" में जल्दिये देखाई देता।


हिनकर सशक्त अभिनय शैलीक प्रशंसा करैत साक्षीस्वरुप तत्कालीन महत्वपूर्ण अखबार में प्रकाशित  समाचार/ आलेख / रिपोर्ट आर साक्षात्कारक किछु अंश आ नाटकक अभिनय चित्र:
पार्श्व गायक कुमार शानू के संग शंभुनाथ मिश्रा
पार्श्व गायक मो अजीज के संग

1 comment:

  1. jahi typ k aasta aur laganshil logan k apan maithili sinema jagat k jarurat achi nai buijh parai aa je ehan karmath logak darshan kiya virle sa bha rahal achi ...... ehane viral , karmath , maithilik sanskriti sa judal aar maithilik dharti k suputra me sa ik chaith Mr, shambhunath ji ....... apne k bahut bahut dhanyawad je apne maithilik sinema jagat aar drama sa jud mithila k culture ki jiwait rakhba k lel prayatanshil chhi ...... aai kahno kahno ka maithili muvi dek ka hamar man dukhi seho bha ja rahal achhi je kono kono maithili muvi me maithili culture k aai kail k modern culture k chakkar me barbad ka del gel achi ....... lekin aai apne san k nirdeshak aur karmath log k maithili culture k badhawa deba k lel bht jarurat achi ..... apne k prayas k ham sarahna kaichi aur vishwash karaichi je aaha ahina nirantar maithiki k vikash karba k ptayatan karait rahab aur sathe sath hamra sab k manoranjan seho karbait rahab ...... apne k bhavishwa sukhmai banal raha se ham bahgwati sa kamna kari chhi...

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