ई छथि नवका पीढीक नीक कलाकार भास्कर झा। मिथिला में कलाकारक कोनो अभाव नहिं। वाणिज्यिकरण के बादो कला क्षेत्र में आई मिथिलांचल सं अनेकों कलाकारक पदार्पण भ रहल अछि। नवतुरिया कलाकारक सूची में भास्कर झा से हो अपन नीक स्थान रखैत छथि।
मूलत: मधुबनी जिलाक बेनीपट्टी के धकजरी निवासी भास्कर झा अपन प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा के बाद 2003 में बिहार आर्ट थियेटर सं आ 2004 में बिहारक संस्कृति विभाग सं कला प्रदर्शन में मेरिट सर्टिफ़िकेट प्राप्त केलनि।
1999 सं ही ईप्टा, (पटना), भंगिमा, (पटना) एवं कएकटा आन ग्रुपक संग कतेक रासे काज केने छथि। अहि दौरान भास्कर जी लगभग 50 टा रंगमंचीय नाटक तथा नुक्कर नाटक केलनि। 2002 सं 2005 धरि वो सेन्ट्रल स्कूल पटना में नाट्य शिक्षकक रुप में काज केलनि। पैघ पैघ एनजीओ के संग एडस, शिक्षा, एन्टी ड्रग्स आदिक कार्यक्रम में भाग लेलनि। 2006 सं एखन धरि दिल्ली में विभिन्न थियेटर ग्रुप में कार्य कय रहल छथि । अहि थियेटर ग्रुप में नटराज आर्ट थियेटर, मैलोरंग,मिथिलांगन आदि किछु प्रमुख नाम थिक ।
भास्कर जी अक्वा सॉफ़्टेक मिनरल वाटर आदिक लेल कयकटा एड फ़िल्म से हो केने छथि।
नेना भुटकाक लेल 5टा छोट छोट नाटक तथा एकटा फ़ुल लेंग्थ नाटक लिखबाक संगहि भास्कर जी 5टा फ़ुल लेंग्थ नाटक, 3 नुक्कड़ नाटक आ 14 छोट नाटकक सफ़ल निर्देशन सेहो केने छथि। हिनका फ़िल्म, टेलिफ़िल्म, डॉक्यूमेन्टरी कार्यक्रम तथा सीरियल में काज करबाक विशेष अनुभव छनि। डॉक्यूमेंटरी कार्यक्रम में बिहार संगीत नाटक एकेडमीक लेल “ माटी के रंग”, गायत्री परिवारक लेल “ गंगा तट की सुबह”,मैथिली सीरियल में “ नैन न तिरपित भेल” आ “दीयर-भौजी”, मैथिलीक टेलिफ़िल्म “सीतायन” एवं मैथिली फ़िल्म “सिन्दूरदान” में नीक अभिनय केने छथि। जल्दिये एकटा आर मैथिली फ़िल्म में अभिनय करैत देखाई देताह। रिपोर्ट- भास्कर झा
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