मूलत: बेगुसराय के रहनिहार अभिनेता फ़ूल सिंह (असल नाम प्रफ़ुल्ल सिंह)
अपन भावपूर्ण अभिनय
सं दर्शकक हृदयमें नीक स्थान बनाबयमें सफ़ल भेल छैथ। प्रारंभिक शिक्षाके उपरान्त मुजफ़्फ़रपुरके कर्मभूमि बनेलथि। विविध टीवी सीरियल आ कयकटा
भोजपुरी फ़िल्ममें लिट्टी मामा (कलर्स पर प्रसारित
“सबकी जोड़ी वही बनाता “भाग्यविधाता””), दारोगा मामा आ बोधन मामा (इमेजिन टीवी पर
प्रसारित “जमुनिया”)के
चरित्र के जीवंतता प्रदान करय बला फ़ूल सिंह मैथिली फ़िल्म “ कखन हरब दुख मोर’में विद्यापतिक चरित्र के बड्ड नीक जका
निभौने छलैथ। हिनक भोजपुरी फ़िल्म में “जला देब दुनिया तोहरे प्यार में’, “बृजवा”(शीर्षक भूमिका), “गंगा जईसन माई हमार”, “प्रीत ना जाने प्रीत”, ‘ हमर बियाह तोहरे
से होई” आ “तोहरे से प्यार बा’ किछु सफ़ल नाम अछि।
हिन्दी फ़िल्म ‘मोहन दास”, “तनु वेड्स मनु” , “कसमकश”, भोजपुरी फ़िल्म “मि गब्बर सिंह” आदिमें खलनायक भूमिका में फ़ूल सिंहक
अभिनय प्रशंसनीय छल ।
फ़ूल सिंह अभिनेता के संग-संग एकटा नीक
गायक आ सामाजिक कार्यकर्ता छैथ । हिनकर एल्बम “ हरि भरोसे हिन्दुस्तान” बड्ड लोकप्रिय भेल छल।
मैथिली फ़िल्म
निर्माणमें सबसं बड़का समस्या आ बाधा की अछि, एकर उत्तर में कहलनि जे मिथिलामें हॉल
के नहिं भेटनाई सबसं पैघ समस्या अछि। निर्मित फ़िल्मक कॉमर्सियल इस्तेमाल नहिं भ
पाबि रहल अछि। परिणाम्स्वरुप , फ़िल्म बनेहर फ़िल्म निर्माण सं मुंह फ़ेर लागैत छैथ।
जदि अहि समस्याक समाधान भ जायत त मैथिली फ़िल्म सालमें 10-20टा बनय लागत!
ओ जनतव देलनि अछि जे
वो विद्यापतिक जिनगी पर आधारित मैथिली फ़िल्म ‘ कखन हरब दुख मोर” ’के सरकारी स्तर पर टैक्स फ़्री करबाक लेल बिहारक मुख्यमंत्री सं बातचीत करताह
आ एहि संबंधमें स्मार पत्र सौंपताह।
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