अवधेश मिश्रा जी
हिन्दी, मैथिली आ भोजपुरी सिनेमाके लोकप्रिय अभिनेता छैथ जेकि अपन अभिनय क्षमताके
बल पर विशेषकर भोजपुरी सिनेमामें अपन महत्वपूर्ण स्थान बनौने छैथ। अजुका समयमें भोजपुरी सिनेमा में स्थापित खलनायकमें
सबसं बेसी प्रसिद्ध आर लोकप्रिय मानल जाय छैथ अवधेश जी। मां जानकीक जन्म स्थली सीतामढी के
सुतिहारा के रहनिहार अवधेश मिश्रा जीके नैन्हपनसंहि अभिनयक शौकीन छलैथ। अवधेश मिश्रा जी
पहिने रंगमंचपर आपन अभिनय
क्षमता देखौलनि । पहिने पटना रंगमंच पर फ़ेर दिल्ली रंगमंच पर । दस साल धरि मुंबई में संघर्ष केलाके बाद फिल्म इण्डस्ट्री में आपन जगह बनाबय में सफ़ल
भेलथि। अवधेश मिश्रा भोजपुरी फ़िल्ममें खलनायकीके एकटा नव आयाम प्रदान केने छैथ । 'कहाँ जइबऽ राजा नजरिया लड़ाई के' आ “ओढनिया कमाल करे “के लेल सर्वश्रेष्ठ खलनायकक पुरस्कार जीत चुकल छैथ।
कैरियरक प्रारंभ में हिन्दी धारावाहिक में
छोट छीन भूमिका करैत
चर्चित धारावाहिक "शान्ति' में एकटा नीक भूमिका केलनि। मुदा आगू सीरियल बला लोक हिनका स्वीकार नहिं केलखिन।
अवधेश जीक पहिल
ब्रेक भेटलनि मैथिलीक बहुचर्चित फ़िल्म "कखन हरब दुख मोर" (2005) में जाहिमें ओ उगना अवतरणक पूर्वक महादेव बनल छलैथ। आइयो लोक एहि
फ़िल्मक एकटा गीत” आजु नाथ एक ब्रत महासुख” पर हिनक नृत्य के लोक ईयाद करैत अछि। मैथिली फ़िल्मक शूटिंगक दौरान प्राप्त भेल
हिनकर अनुभव अविस्मरणीय छैन। फ़िल्मक पहिल शूट सं अन्तिम शूट धरि, महादेवक सांप हिनका संग रहैन हमेशा। मुदा
जाहि दिन अवधेश जीक शॉट समाप्त भेलैन, वहि दिन ई सांप अचानक गायब भ गेल।
आश्चर्य!!!! व्यक्तिगत जीवन में सेहो ई सर्पप्रेमी छैथ।
"कखन हरब दुख मोर" |
मैथिली फ़िल्म “कखन
हरब दुख मोर’क बाद हिनक पहिल भोजपुरी फिल्म 'दुल्हा अइसन चाहीं' छल। ओकरा बाद अवधेश जी दू दर्ज़न सं बेसी फिल्ममें काज कय चुकल छैथ। हिनकर आदर्श हिन्दी सिनेमाके मशहूर खलनायक प्राण
अछि।. हिनकर अन्य फ़िल्म अछि
'गंगा तोहार पानी अमृत', 'सुहाग', 'रंगीला बाबू' ,“बर्दी बाला गुण्डा” , “ज्वाला मंडी” आदि । अवधेश मिश्राके आवय वाला में 'भोजपुरिया डॉन', 'विधाता', 'आपन माटी आपन देश,' 'बिहारी माफिया,' 'लागल रहऽ ऐ राजा जी' आदि अछि। बातचीत करयके क्रम में कहलाह कि हुनक
मनमें मैथिली फ़िल्ममें काज करबाक उकट इच्छा छैन।
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