सांस्कृतिक नगरी आ मैथिली गतिविधिक केन्द्रबिन्दु कोलकातामें मैथिली फ़िल्म संबंधी विशेष विचार विमर्श हेतु विशेष रुपेन मैथिली फ़िल्म उत्सवके सफ़ल आयोजन हेतु आवश्यक किछु रणनीति पर चर्चा हेतु दिनांक 15 सितम्बर 2012 के स्थानीय मैथिल कलाकारक एकटा बैसारक आयोजन कयल गेल । दरभंगामें मैथिली फ़िल्म अकादमी के तत्वावधान में आयोजित होबय बला मैथिली फ़िल्म फ़ेस्टिवलक एखन धरि भेल प्रगतिक सराहना आर प्रशंसा कयल गेल आर समस्त उपस्थित कलाकार अहि कार्यक्रमक सफ़लताक कामना कयलनि आर आयोजक आ समस्त सदस्यके प्रति अपन आभार प्रकट कयलनि।उपस्थित लोकनि में श्री शंभूनाथ मिश्रा, श्री भवनाथ झा, श्री सूरज तिवारी, श्री केदारनाथ, श्री रमेश मिश्रा, श्री लक्ष्मण साह, श्री उत्तम चौधरी,श्री दिनेश मिश्रा, श्री विवेक चौधरी, श्री भास्कर झा, श्री शशि मोहन भारद्वाज आ श्री प्रकआश झा छलैथ।
अहि बैसारक अध्यक्षता करैत प्रसिद्ध निर्देशक,गीतकार,
अभिनेता आर रंगकर्मी श्री शंभूनाथ मिश्रा जी बतौलनि कि मिथिलावासी आ दर्शक वर्ग के
मैथिली गीत संगीत आ सिनेमाके प्रति जागरुक बनौला सं प्रगतिमें सकारात्मक गतइ आवत।
गुणवत्ता सिनेमाके निर्माण पर जोर दैत कहलाह कि फ़िल्म निर्माण सं जुड़ल व्यक्तिके
निष्पक्षता सिद्धान्त के अनुपालन करबाक चाही। “नोटक गड्डी’ पर सुतल मैथिल के जगाऊ
आर हुनका सबके फ़िल्म नबाय्बा क लेल प्रेरित,आ उत्साहित करू। फ़िल्मक प्रचार गाम-गाममें
होबाक चाही। जाबत धरि सांस्कृतिक भावनाके जागरण नही होयत, ताबत धरि मैथिली सिनेमा
के दर्शक वर्गमें निष्क्रियता अहिना बनल रहत जेकि नीक बात नहिं अछि। सांस्कृतिक
जागरण सं सबंधित प्रतेय्क सुकाजके समाजक हर वर्ग द्वारा समर्थन भेटबाक चाही। तहने
किछु बात बनत। अन्यथा नहिं।
“पिया संग प्रीत कोना हम करबई”में नायकक भूमिका केनिहार
श्री विवेक चौधरी शंभूनाठ मिश्रा जीके विचारके पूर्णत: समर्थान दैत अपन हर्ख व्यकत कयलनि आ
कहलाह कि मैथिली फ़िल्म के कॉमर्सियल बनेनाय बड्ड जरुरति अछि। अहि फ़िल्मक खलनायक
श्री उत्तम चौधरी अपन विचार व्यक्त करैत कहलाह कि मिथिलांचलक लोक मिथिला संस्कृतिके
प्रति उदासीन भ गेल अछि। मिथिलावासीमें अपन संस्कृतिक प्रेम बढबाक चाही जायस्कि
मैथिली फ़िल्मक दर्शक वर्ग बढय। दुख प्रकट करैत उत्तम जी बतौलनि कि मिथिलामें सब
किछु बढि रहल अछि मुदा मैथिली सिनेमा एखनो धरि पछुआ रहल अछि जेकि चिन्तनीय अछि।
अहि अवसर पर उपस्थित “पिया संग प्रीत कोना हम करबई”क
निर्देशक श्री सूरज तिवारी कहलनि कि वो जल्दिये एकटा मैथिली फ़िल्म “सजन घर जेबै”
शुरु करताह।
प्रसिद्ध नाट्यकर्मी आ अभिनेता श्री भवनाथ झा कहलनि कि
मैथिली थियेटरक परम्पराके माध्यमें मैथिली सिनेमा बोनस में भेटल अछि। रंगमंच पर
प्रस्तुति सं भाषाई समृद्धता होयत अछि । सिनेमाई कला आर रंगमंच एक दोसरक पूरक अछि।
सलाह दैत भवनाथ जी कहलनि कि भोजपुरी सिनेमा सं भिन्न मैथिली फ़िल्म मर्यादित रहबाक
चाही मुदा मनोरंजन पर कोनो लगाम नहीं लगेबाक चाही। अश्लीलता सं बचैत मर्यादित ढंगसं
निर्मित मैथिली फ़िल्मक समर्थन कयलनि।
अभिनेता श्री दिनेश मिश्रा जी अपन हर्ख व्यक्त करैत कहल्नि
कि मैथिली फ़िल्ममें सबहक अपेक्षित सहयोग भेटबाक चाही। आपसी आरोप-प्रत्यारोप पर कोनो
ध्यान नहिं दैत मैथिली निर्माण संबंधी गतिविधिक विस्तार होमय चाही।
श्री भास्कर झा दरभंगा में आयोजित होमय बला मैथिली फ़िल्म
उत्सवक के ऎतिहासिक प्रयास मानैत कहलाह कि मैथिली सिनेमाक भविष्य उज्जवल होबय बला
अछि। कियाक त वर्तमानमें बहुत रासे मैथिली फ़िल्मक ब्लूप्रिन्ट तैयार अछि जाहिमें
मुम्बई स्थित निर्माता निर्देशक नीक नीक फ़िल्म बनेबाक योजना चलि रहल अछि। वो सुझाव
दैत कहला कि रंगमंच सं जुड़ल सब अभिनेता, कलाकार आदिके प्रोत्साहन भेटबाक चाही।
जेना भोजपुरी फ़िल्म बनेनिहार निर्माता निर्देशक के भोजपुरी समाज में सम्मानित कयल
जायत अछि, तेनाहिते मैथिली फ़िल्म निर्माता , निर्देशक, अभिनेता अदि के प्रोत्साहन
आ अभिनन्दन कयल जेबाक चाही। एखन धरि निर्मित मैथिली फ़िल्म के पटकथा, तकनीक पहलू, फ़िल्मांकन आदि के पक्ष पर चर्चा होबाक चाही ।
बैसारक प्रारंभ मैथिली फ़िल्म
फ़ेस्टिवलक संयोजक श्री शशि मोहन जी अहि समारोहक रुपरेखा , कार्यक्रम आ उद्देश्य पर
जनतव्य दयलनि ।
माय्थिली फ़िल्म फ़ेस्टिवलक सफ़ल आयोजनक
हार्दिक शुभकामना संग ई बैसार समाप्त भेल।
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