Tuesday, October 23, 2012

Release and Hall Problems For Maithili Films



मैथिली फ़िल्मक विकास में प्रारंभसंहि अनेकानेक झंझट आ झंझावात आबिते रहल अछि।चाहे फ़िल्म निर्माण होय वा फ़िल्मक प्रदर्शन, फ़िल्म सं संबंधित व्यक्तिके कयकटा बाधा सं गुजरS पड़ैत छै। मुदा ई समस्या आर गंभीर आ पैघ मानल जायत अछि जखन फ़िल्म बनलाक बादो ओकर प्रदर्शन सिनेमा गॄह में नहिं होयत छै। परिणामस्वरुप सिनेमा बनेनिहार आर फ़िल्म देखबाक आस रखने साकांक्ष दर्शक दुनु के मन में क्षोभ उत्पन्न भ जायत छै।

 मैथिली फ़िल्मक एखन धरिका सबसं चर्चित फ़िल्म “ ससता जिनगी महग सेनुर”क निर्देशक मुरलीधर के कहब छैन जे आजुक समयमें मिथिलांचलमें सिनेमा हॉल भेटनाइ बड्ड मुश्किल भ गेल अछि। कोनो हॉल मालिक 2-3 दिनक लेल हॉल देबक लेल तैयार नहिं होयत छैथ, जखनकि मिथिला राज्यक मांग केनिहारक संख्या दिनानुदिन बढि रहल अछि, कला संस्कृतिके दुहाइ दय कए मिथिलांचल में लोक सब जिकरि रहल अछि मुदा केऊ गोटे अहि दिस धेयान नहिं दैत छैथ जेकि बड्ड अशोभनीय अछि।  मुरलीधर जी कहैत छैथ- "फिल्म केओ बनावैथि हुनका सब मैथिली फिल्म निर्माता, निर्देशक सब मिल क संग दियौन, प्रोत्साहन करियौन, यदि कोनो समस्या होई छैक तेकर समाधान खोजु, ताहि लेल मैथिली निर्माता, निर्देशक संघ सेहो बनावल जासकैत छैक्, एकजूटताक एकटा रस्ता बुझा रहल अछि हम त हिन्दुस्तान अखवारक अंतर्वाता मे कहने रहियैक जे भोजपुरी फिल्मक मार्केट त सम्पूर्ण भारत मे छैक, मगर मैथिली फिल्म के लिये तो बस मिथिलांचल ही एक् टैरेट्री है जहाँ ए फिल्मे चलेंगी, मै पटना स्थित डिस्ट्रीब्यूटरोँ, बूकरोँ से एक ही आग्रह करता हूँ कि जब भी, कोई भी, मैथिली फिल्म बनाये तो कृपा कर उन्हे फिल्म रीलिज करने हेतु सिनेमा हाल उपलव्ध करवाया जाय ।" ओ आगू कहैत छैथ –“हम त मिथिला राज मांगनिहार सबके, मैथिली भाषा सांस्कृतिक झंडा उठनेहार ठिकेदार सबसँ करबद्ध प्रार्थना करैत छियैन जे मात्र भाषणवाज़ी आ पींग हौँकला सँ काज नहि चलत, अप्पन माई पाईन, भाषा संस्कृति लेल दृढ संकल्पित होईयोक।“

दोसर दिस मैथिली फ़िल्म “ कखन हरब दुख मोर’क अभिनेता फ़ूल सिंहके कहब छैन जे मिथिलांचलक लोक साम्स्कृतिक रुपमें निष्प्राण भ गेल छैथ। हुनका जगेनाइ, हुनका सं एहि संबंध में आन्दोलन करेनाइ आजुक समयक मांग थीक जायसकि हॉल माळिक पर दबाब पड़ैय आ मैथिली फ़िल्मके प्रदर्शन मेम सुभिस्ता होय। अपन फ़िल्म” कखन हरब दुख मोर’के बिहार सरकार सं टैक्सफ़्री करआबक मांग करय के योजना बना रहल छैथ।
प्रसिद्ध फ़िल्म समीक्षक, फ़िल्म निर्देशक आ साहित्यकार किसलय कृष्ण लिख रहल छैथ जे “छोट आ पैघ बजट केर निर्मित (भारत आ नेपाल) मे करीब दू दर्ज़न एहेन फिल्म  ऐछ जाकर एखन धैर छविगृहक पर्दा नहि भेटि सकल अछि । प्रीतक बाजी, मिथिलाक चारि धाम,पिया भेल परदेसी, मायक ममता, गामक लाज, हमर अप्पन गाम अप्पन लोक, मायक क़र्ज़ , साजन अहाँ बिना आदि एकर ज्वलंत उदहारण अछि। इन्द्र पूजा सँ दुर्गा पूजा  बीत गेल । परदेस सँ मैथिली फिल्म (फेसबुक ग्रुप) केर बहुतो सदस्य गाम आयल छथि... काल्हि एक मित्र एहि सन्दर्भ मे प्रश्न केलाह......हमरा तत्काल कोनो उत्तर नहि बुझायल...आ मैथिली फिल्म सन्दर्भ मे विद्यापतिक पांति मोन पडि गेल मैथिली फिल सन्दर्भ मे..... सखी हे हमर दुःखक नहि ओर ।"

उपरोक्त समस्याक निराकरण भेले सं मैथिली सिनेमाक विकासक बाट दुरुस्त भ सकैत अछि। आ एहि के लेल समग्ररुपे आन्दोलन करबाक चाही।

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