Friday, February 22, 2013

First Maithili Film Festival 2013 : A Historical Milestone For Maithili Cinema



प्रथम मैथिली फ़िल्म फ़ेस्टिवल केर आयोजन - दरभंगा बनत ऎतिहासिक गवाह


मैथिली फ़िल्म अकादमी, दरभंगाके तत्वावधानमें आगामी 2-3 मार्च (2013)के कामेश्वरसिंह संस्कृत विस्वविद्यालय, दरभंगा के दरबार हॉलमें द्विदिवसीय मैथिली फिल्म फेस्टिवल में आयोजित होमय जा रहल अछि विदित जे एहि सं पूर्व दरभंगा इन्टरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल आयोजन ऎहि स्थान पर किछु दिन पहिने भेल छल। मुदा ई पहिल अवसर होयत जे कोनो फ़िल्म फ़ेस्टिवल पूर्णतमैथिली फ़िल्मके केन्द्रमें राखिकए कयल जा रहल अछि। एहि अवसर पर मैथिली हिट फिल्मक प्रदर्शनक संग-संग मैथिली फ़िल्म , फ़िल्मक निर्माण, आदिक पाक्ष पर महत्वपूर्ण परिचर्चा कयल जायत। मैथिली सिनेमाक इतिहासक अवधि ओना तबड्ड पैघ अछि, मुदा सिनेमा संबंधी उपलब्धि वा उत्पादकता  ओतबे कम। तईयो, एहन तरहक आयोजन केर महत्व कम नहि। विस्तृत मैथिल मानसिकताक विस्मृत जागरुकताके पुनजागृत करयमें उल्लेखनीय योगदान अबस्से हायत। एहिसं उद्यमी मैथिलके एहि क्षेत्रमें पदार्पण करबामें प्रेरणा भेटत। स्रकैत दर्शकगणक संख्यामें बढोतरी हायत।



मैथिली फ़िल्म फ़ेस्टिवलक पहिल दिन अर्थात 2 मार्चकें 12:30 बजे उद्घाटन कार्यक्रम राखल गेल अछि। एहि कार्यक्रम उदघाटन करताह मैथिलीक पहिल फ़िल्म ममता गाबय गीतकेर निर्देशक सी परमानन्द जी। फ़िल्मक विशेष जानकारी रखनिहार श्री कौशल किशॊर चौधरी, “कन्यादानफ़िल्ममें लाल कक्का केर भूमिकाक निर्वहन केनिहार प्रसिद्ध साहित्यकार श्री चन्द्रनाथ मिश्र  “ अमर”, मैथिली रंगमंचक पहिल महिला रंगकर्मी प्रेमलता मिश्र प्रेम”,  मैथिलीक पहिल फ़िल्म केर सह निर्माता श्री केदारनाथ चौधरी उदघाटन समारोहमें विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित रहताह। उदघाटन कार्यक्रम लगभग साढे बारह बजे तक चलत। उदघाटनके बाद, दरबार हॉलके बगलमें स्थित मनोरंजन गॄहमें मैथिलीक सफ़ल फ़िल्मक प्रदर्शन आक्र्षणक केन्द्र रहत। एहि अवसर पर ससता जिनगी महग सेनुर, दुलरुआ बाबू, सेनुरक लाज, गरीबक बेटी, कखन हरब दुख मोर आदि सहित किछु डॉक्यूमेन्टरी फ़िल्म एवं किछु सीडी फ़ॉर्मेटमें बनल मैथिली फ़िल्म देखावल जायत।



पहिल दिनुका पहिल सत्र मैथिली फ़िल्मक इतिहास, दशा व दिशा, भूत, वर्तमान ,भविष्य आदि विषय पर केन्दित होयत। एहि सत्रमें निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, समीक्षक समेत दर्शकगणक विचार पर ऎकसंगे उपयोगी चर्चा हायत।

साढे छ बजे सं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन कायल जायत जाहिमें स्थानीय कलाकार लोकनि द्वारा शुद्ध रुपमें मैथिली फ़िल्मक गीतक मनोरंजक प्रस्तुति हायत।

दोसर दिनुक पहिल सत्रमें आयोजित  फ़िल्मी संगोष्ठी एक तरहें फ़िल्म निर्माणक तकनीकी पक्ष पर केन्द्रित अछि। एहि सत्रमें सेहो फ़िल्म निर्माण सं जुड़ल लोक सब भाग लेताह। साढे पांच बजे खुला सत्र केर आयोजन केल गेल अछि। खुला सत्रक समापन के उपरान्त सम्मान समारोहक आयोजन होयत। एहिमें एखन धरि मैथिली फ़िल्ममें अमूल्य योगदान देनिहार लगभग 10 गोटेके माइफ़ा द्वारा सम्मानित कयल जायत। और अंतमें रंगारंग कार्यक्रमक उपरान्त एहि दुदिवसीय मैथिली फ़ेस्टिवल केर कार्यक्रमक समापन हायत। एहि फ़िल्मी महोत्सवमें मैथिली फ़िल्मसं जुड़ल अधिकांश लोकनिक सहभागिताक अपेक्षित अछि। मैथिलीक लोकप्रिय फ़िल्म पिया संग प्रीत कोना हम करबैकेर समस्त यूनिट/ दलक आगमन केर सूचना अछि। एहि फ़िल्मक अभिनेत्री ट्विंकल घोष, फ़िल्मक गीतकार एवं कलाकार श्री शंभूनाथ मिश्र, दिनेश मिश्रा समेत लगभग ब गोटे भाग लेताह। वस्तुत:   ई पहिल अवसर हायत जाहि में अतेक कलाकारक समावेशन देखबाक भेटत। फ़ेस्टिवलक सफ़ल आयोजनक शुभकामना करैत, हम सब मैथिल अपन अपन छोट-छिन अथवा पैघ योगदान आओर उपस्थितिसं गौरवपूर्ण सहयोग प्रदान करी।रिपोर्ट- भास्करानन्द झा भास्कर


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