Friday, April 5, 2013

Vilash Chandra : A Maithil who assisted Kamaal Amarohi and P.L.Chandra



छैथ निर्देशक, निर्माता, अभिनेतापटकथा लेखक विलास चन्द्र। मूल रुपसं  दरभंगाके रहनिहार विलास चन्द्रा जी पुरान पीढीक एहन सिनेप्रेमी छैथ जेकि दरभंगामें पहिल आर्ट कॉलेज केर स्थापना केने छलैथ जाहिमें अभिनय कलाक प्रशिक्षण देल जायत छल। आई सं 30-32 वर्ष पूर्व बिहारक पहिल सिनेमा संबंधी सेमिनार आयोजन दरभंगामें केने छलैथ एहि सेमिनारमें फ़िल्म निर्देशक सी. परमानन्द, निर्माता डॉ बी. झा (‘अमावस्या की चांदफ़ेम), आचार्य सोमदेव, प्रख्यात फ़िल्म निर्देशक प्रह्लाद शर्मा, श्री विरेन्द्र नारायण सिंह, फ़ोटोग्राफ़र विनय कुमार वर्मा  आदि जेहन गणमान्य लोकनि उपस्थित भएकए अपन मूल्यवान विचार रखने छलैथ।

मिथिला क्षेत्रमें  विलास चन्द्रा जी  संभवत:  पहिल लोक छैथ जेकि मिथिला मोशन पिक्चर्स एसोशियेशन केर स्थापना केने छलैथ। एहि एसोशियेशन केर संरक्षणमें लगभग 10 गोट एलब्म फ़िल्मक निर्माण कयल गेल छल। मुदा पछाति अपेक्षित सहयोग नहिं भेटबाक कारणे एहि दिशामें आगू कोनो सकारात्मक परिणाम नहिं आबि सकल तत्कालीन बम्बईसं सम्पर्क राखबय बला चन्द्रा जी प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक पी. एल. संतोषी जी (1916-1978) एवं कमाल अमरोहीक सहायक (सहायक निर्देशक) रहि चुकल छैथ। 1972 में प्रदर्शित एवं राकेश पाण्डे, मल्लिका साराभाई अभिनित अभिनेता भारत भूषण केर सहयोगी आर चन्द्र केर फ़िल्ममुट्ठीभर चावल  हिन्दी फ़िल्मगाता जाए बंजारा”, गुजराती फ़िल्मरंगे बसनीमें भूमिका सेहो केने छलैथ। लघु फ़िल्मनहले पे दहला”, “ दिल पंचर”, “ मैं हिरोईन बना चाहती हूंलड़ि विना दाना कैसे पचीआदि केर निर्देशन केने छलैथ।

बड्ड दुखक बात जे आजुक समयमें विलास चन्द्रा जी गुमनामीक जिनगी जीबि रहल छैथ।हिनका सहयोग भेटबाक चाही।

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