संजय मिश्रा हिन्दी सिनेमा जगत में एकटा जानल पहिचानल नाम अछि। मूलरुप सं दरभंगा जिलाक नारायणपुर सकरी के निवासी संजय जीक प्रारंभिक जीवन बनारस में व्यतीत भेल छल मुदा हिनक दादा-दादी पटना में रहैत छल। अहि दुआरे हिनका पटना एनाय जेनाय लागिते रहल छल। हिनका बाल्यकालहि सं राजनीति में आबय के शौक छल। हिनकर बाबू जी स्वर्गीय शंभूनाथ मिश्रा जी ऑल इंडिया रेडियों में छलैथ । हिनकर घर पर प्रख्यात शहनाई वादक बिसमिल्लाह खान, पं राजन मिश्रा, हालीम जफ़र खान आदि सहित देशक नामी गिरामी कलाकारक जमघट लागैत छल जे हिनका लेल प्रेरक बनल। 1989 में एनएसडी पास केलाके बाद 1991 में मुम्बई चलि येलैथि। मुम्बई में बड्ड संघर्षक उपरान्त संजय जी के पहिल बेर छोटका पर्दा पर “सॉरी मेरी लॉरी” नामक कॉमेडी कार्यक्रम में काज भेटलनि। 1999 में आयोजित क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान ESPN चैनल पर " एपल सिंह " क रुपमें में भारतीय टीम के प्रतिनिधित्व करबाक अवसर प्राप्त भेटलनि। फ़ेर आज तक न्यूज चैनल पर ‘हैरी पोर्टर बना रिपोर्टर’, सहारा टीवीक “धड़ती पकड़”, चर्चित सीरियल ‘ऑफ़िस-ऑफ़िस” , “रामखेलाबन”, ‘पब्लिक सब जानती है” में नीक काज करबाक भेटलनि। संजय जी पचास सं बेसि धरि हिन्दी फ़िल्म में अभिनय केने छैथि। हिनकर फ़िल्ममें “गोलमाल”, “वन टू का फ़ॉर”, ‘धमाल”,”चरस” , ”जमीन”, “प्लान”, “संकट सीटी”, “गॉड तुस्सी ग्रेट हो”, “रामा रामा क्या है ड्रामा”, “ब्लफ़ मास्टर”, "अतिथि कब आओगे", "ऑल द बेस्ट" आदि किछु नाम अछि। हिनकर पहिल हिंदी फ़िल्म छल "ओह डार्लिंग ! ये है ईंडिया"(1995) "क हालिया रीलिज फ़िल्म अछि “फ़स गया रे ओबामा’ जाहिलेल सर्वोत्तम कॉमिक रोल के लेल हिनका पुरस्कृत कायल गेल छल। हिनकर आबय बला फ़िल्म अछि “द कैंप’, “रसगुल्ला”,”क्या टाइम है यार” आदि। सम्प्रति संजय मिश्रा जी एकटा फ़िल्म “प्रणाम वालेकुम’क निर्देशन कय रहल छैथ।
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